गौरतलब है कि गठबंधन के तहत बसपा को मिली सीटों को लेकर पहले ही विरोध जता चुके टकसाली बसपाइयों ने कहा है कि बुधवार को सीटों में किया गया बदलाव महज बसपा के असंतुष्ट कैडर को शांत करने की कोशिश है। अगर वाकई में गठबंधन के तहत बसपा सीटों को लेकर अपना पूरा हक लेना चाहती है तो फिर फिल्लौर, चब्बेवाल, गढ़शंकर बलाचौर समेत आदमपुर की सीटों को भी बसपा के हिस्से में देना चाहिए।
विरोध के बाद दो सीटों में हुआ बदलाव बता दें कि बुधवार को अकाली दल -बसपा गठबंधन ने दो सीटों में बदलाव किया है। अमृतसर उत्तर और सुजानपुर (पठानकोट) को हटा दिया गया है। इनके स्थान पर शाम चौरासी (होशियारपुर) और कपूरथला विधानसभा सीटों को बहुजन समाज पार्टी को दे दिया है। इसके साथ ही आज अकाली दल ने अमृतसर उत्तरी से अपना उम्मीदवार मैदान में उतार दिया है।
बसपा पंजाब के पूर्व महासचिव सुखविंदर सिंह कोटली ने कहा है कि गठबंधन के तहत बसपा ने अपने आधार वाली सीटों को छोड़ दिया है। ऐसे गठबंधन का कोई फायदा नहीं है। बसपा 20 के बजाय 10 सीटों पर चुनाव लड़े, लेकिन अपने आधार वाली सीटों पर चुनाव लड़ना चाहिए। जालंधर अमृतसर एवं लुधियाना शहरी हलके में बसपा का कोई आधार नहीं है। अगर बसपा हाईकमान ने ऐसी सीटों को भी गठबंधन के तहत स्वीकार किया है तो यह तो खुद गलत है।