10 साल की उम्र में ही काम पर जाने वाले शिक्षकों और सरकारी कर्मचारियों को परेशान करते हुए शोपियां में पकड़ा गया था। उसके बाद उसे जुवेनाइल होम भेज दिया गया। अलगाववादियों का बना हथियार
‘छोटा डॉन’ के बारे में शोपियां के एसएसपी संदीप चौधरी ने ट्वीटकर बताया है कि उसे जब पकड़ा गया तो वह अपनी लंबाई से बड़ी छड़ी लिए हुए था। काम पर जाने वाले शिक्षकों समेत सरकारी कर्मचारियों की आईडी चेक कर रहा था। वह लड़का उन लोगों का हथियार बन रहा था जो आम लोगों के बीच यह खौफ फैलाने की कोशिश कर रहे हैं कि सिविल कर्फ्यू लगा हुआ है।
हरसिमरत कौर: पाकिस्तान में षडयंत्र के तहत अल्पसंख्यकों का कराया जा रहा है धर्म परिवर्तन डरता नहीं है ‘छोटा डॉन’ ‘छोटा डॉन’ के परिवार के करीबी सूत्रों ने बताया कि वह 2016 के करीब विरोध प्रदर्शनों का जाना-पहचाना चेहरा बन गया था। अकसर वह अपनी उम्र से दोगुनी उम्र के पत्थरबाजों के साथ दिखता था।
एक पुलिस अधिकारी ने बताया वह सुरक्षा बलों और निजी गाड़ियों पर पत्थर फेंककर भागता नहीं था। जब वह पत्थरबाजों के गिरोह में शामिल हुआ था तो छठी कक्षा में पढ़ रहा था। उसके बाद उसने पढ़ाई से दूरी बना ली।
बिहार: जेडीयू का नया नारा, ‘क्यों करें विचार ठीके तो हैं नीतीश कुमार’ स्कूल जाने से बचने के फेर में बना पत्थरबाज शोपिया पुलिस अधिकारी के मुताबिक वह किसलिए ये सब कर रहा है उसको कुछ पता नहीं है। छोटा डॉन सियासी माहौल से पूरी तरह से अनजान है। वह कश्मीर मामले की पेचीदगियों के बारे में कुछ नहीं जानता है। वह सिर्फ स्कूल जाने से बचने के लिए नौजवान लड़कों के इशारे पर मुसाफिरों को परेशान करता था।