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नागरिकता संशोधन विधेयक पीएम मोदी बोले- सालों तक अत्याचार सहने वाले लोगों के लिए यह बिल राहत देगा

विधेयक को 105 के मुकाबले 125 वोट मिले।
बृहस्पतिवार को राष्ट्रपति के पास भेजा जाएगा।
बुधवार को राज्यसभा में कई घंटे तक चली बहस।
देशभर में कई जगह विरोध प्रदर्शन, गुवाहाटी में कर्फ्यू।

नई दिल्लीDec 12, 2019 / 10:22 am

अमित कुमार बाजपेयी

उद्धव ठाकरे के शपथ ग्रहण समारोह में पीएम मोदी नहीं होंगे शामिल ! सोनिया-राहुल पर भी सस्पेंस

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नई दिल्ली। नागरिकता संशोधन विधेयक 2019 बुधवार को राज्यसभा में पारित हो गया। यह विधेयक लोकसभा में पहले ही पारित हो चुका है। राज्यसभा में विधेयक के पक्ष में 125 जबकि विपक्ष में 105 वोट पड़े। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बुधवार को राज्यसभा में विधेयक को पेश किया, जिस पर करीब छह घंटे की बहस के बाद अमित शाह ने सदन में विधेयक से संबंधित जवाब दिए। बिल पास होने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज के दिन को अहम बताते हुए बधाई दी।
पीएम मोदी ने इस बिल के पास होने पर ट्विटर पर दिए अपने बधाई संदेश में लिखा, “आज का दिन भारतीय मूल्य, करुणा और भाईचारे के लिए अहम दिन है। मुझे प्रसन्नता है कि नागरिकता विधेयक 2019 राज्यसभा से पास हो गया है। जिन सांसदों ने विधेयक के पक्ष में वोट डाला है, उन्हें मेरा आभार। जिन लोगों ने सालों तक अत्याचार सहे हैं उन्हें यह बिल राहत देगा।”
https://twitter.com/hashtag/CAB2019?src=hash&ref_src=twsrc%5Etfw
बता दें कि विपक्ष इस विधेयक का लगातार विरोध कर रहा है और संविधान विरोधी बता रहा है। इस विधेयक के खिलाफ असम सहित पूर्वोत्तर के कई राज्यों में प्रदर्शन हो रहा है। विधेयक को स्थायी समिति में भेजने का प्रस्ताव खारिज हो गया। समिति के पास इसे नहीं भेजने के पक्ष में 124 वोट और विरोध में 99 वोट पड़े। शिवसेना ने सदन से वॉकआउट किया और वोटिंग में हिस्सा नहीं लिया।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बुधवार को कहा कि नागरिकता संशोधन विधेयक मुसलमानों को नुकसान पहुंचाने वाला नहीं है। उन्होंने कहा कि अगर देश का विभाजन न हुआ होता और धर्म के आधार पर न हुआ होता तो आज यह विधेयक लेकर आने की जरूरत नहीं पड़ती।
राज्यसभा में नागरिकता संशोधन विधेयक पर विपक्ष के सवालों का जवाब देते हुए गृह मंत्री ने कहा, “आज जो बिल लाए हैं, उसमें निर्भीक होकर शरणार्थी कहेंगे कि हां हम शरणार्थी हैं, हमें नागरिकता दीजिए और सरकार नागरिकता देगी। जिन्होंने जख्म दिए वही आज पूछते हैं कि ये जख्म क्यों लगे।”
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अमित शाह ने कहा, “इस बिल की वजह से कई धर्म के प्रताड़ित लोगों को भारत की नागरिकता मिलेगी, लेकिन विपक्ष का ध्यान सिर्फ इस बात पर है कि मुसलमानों को क्यों नहीं लेकर आ रहे हैं। आपकी पंथनिरपेक्षता सिर्फ मुस्लिमों पर आधारित होगी लेकिन हमारी पंथ निरपेक्षता किसी एक धर्म पर आधारित नहीं है। इस बिल में उनके लिए व्यवस्था की गई है जो पड़ोसी देशों में धार्मिक आधार पर प्रताड़ित किए जा रहे हैं, जिनके लिए वहां अपनी जान बचाना, अपनी माताओं-बहनों की इज्जत बचाना मुश्किल है। ऐसे लोगों को यहां की नागरिकता देकर हम उनकी समस्या को दूर करने के प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि हमारे लिए प्रताड़ित लोग प्राथमिकता हैं जबकि विपक्ष के लिए प्रताड़ित लोग प्राथमिकता नहीं हैं।”
शाह ने कहा, “बंटवारे के बाद जो परिस्थितियां आईं, उनके समाधान के लिए मैं ये बिल आज लाया हूं। पिछली सरकारें समाधान लाईं होतीं तो ये बिल न लाना होता।”

इस विधेयक को लेकर देश के कुछ हिस्सों में विरोध-प्रदर्शन हुए हैं। असम में विरोध प्रदर्शन में आगजनी और तोड़-फोड़ की गई, जिसके बाद वहां 24 घंटे के लिए 10 जिलों में इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गई हैं। जबकि गुवाहाटी में कर्फ्यू लगाया गया है।

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