सीएम ममता बनर्जी ने इस ऐलान के साथ पार्टी समर्थकों और कार्यकर्ताओं से कहा था कि 26 और 27 जुलाई को बीजेपी ‘ब्लैक मनी’ (काला धन) वापसी के दावे के खिलाफ प्रदर्शन करें। ये प्रदर्शन ब्लॉक स्तर पर करने का निर्देश भी था। इसी निर्देश के बाद 26 जुलाई को कोलकाता से लेकर प्रदेश के कई शहरों में टीएमसी कार्यकर्ताओं और समर्थकों ने जमकर प्रदर्शन किया।
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दरअसल पश्चिम बंगाल में सरकारी योजनाओं के लाभार्थियों से ‘कट मनी’ लेने को लेकर भाजपा पिछले कुछ माह से तृणमूल के खिलाफ आक्रामक रुख अख्तियार किए हुए है।
दरअसल पश्चिम बंगाल में सरकारी योजनाओं के लाभार्थियों से ‘कट मनी’ लेने को लेकर भाजपा पिछले कुछ माह से तृणमूल के खिलाफ आक्रामक रुख अख्तियार किए हुए है।
इसी कड़ी में बीजेपी के बढ़ते दखल को कम करने के मकसद से सीएम ममता बनर्जी ने ‘ब्लैक मनी’ अभियान के जरिये बीजेपी को घेरने की तैयारी की है। आपको बता दें कि लोकसभा चुनाव 2019 में बीजेपी ने पश्चिम बंगाल में जबरदस्त प्रदर्शन किया। बीजेपी 40 में से 17 सीटें मिली थीं। इसके बाद से लगातार बीजेपी का दखल प्रदेश की राजनीति में बढ़ रहा है।
बीजेपी के बढ़ते इसी दखल को कमजोर करने के लिए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कमर कसी। सीएम ने टीएमसी नेताओं, कार्यकर्ताओं और समर्थकों को पूरे प्रदेश में कालाधन लौटाओ मुहिम के तहत प्रदर्शन करने का निर्देश दिया।
सनी देओल की मेहनत रंग लाई, कुवैत में फंसी महिला पहुंची भारत चुनाव का मुद्दा बनाने की कोशिश दरअसल टीएमसी आगामी विधानसभा चुनाव से पहले ब्लैक मनी अभियान को बीजेपी के खिलाफ बड़ा मुद्दा बनाने के मूड में है। यही वजह है कि सीएम ने खुद मंच से इस अभियान की घोषणा करते हुए अपने कार्यकर्ताओं और समर्थकों से कहा है कि वे प्रदेश के हर कोने, बूथ स्तर तक जाकर इस बारे में लोगों को जागरूक करें।