आपको बता दें कि बिहार में भाजपा-जेडीयू गठबंधन के बाद अमित शाह की सीएम नीतीश कुमार से ये पहली मुलाकात है। पहली मुलाकात में 2019 के लोकसभा चुनाव के लिए सीटों के बंटवारे पर शुरुआती बातचीत हुई है। देर रात तक यह तय हो जाएगा कि बिहार में बड़े भाई की भूमिका में पीएम मोदी होंगे या सीएम नीतीश कुमार। अभी तक की जानकारी के अनुसार नीतीश को बिहार में बड़े भाई की जिम्मेदारी भाजपा सौंप सकती है। वैसे भी नीतीश कुमार पहले ही साफ कर चुके हैं कि अगर वो सीटों के बंटवारे से संतुष्ट नहीं होंगे तो आगे सोचेंगे। यानी एनडीए गठबंधन से हटने के मुद्दे पर भी विचार कर सकते हैं।
दरअसल, सारा विवाद लोकसभा चुनाव में सीट शेयरिंग को लेकर है। जेडीयू ने हाल ही में बड़े भाई की भूमिका में रहने की इच्छा जाहिर की थी। साथ ही जेडीयू ने ये भी कहा था कि पीएम देश भर में बड़े भाई की भूमिका होंगे और जेडीयू भी इस बात को सहर्ष स्वीकार करने को तैयार है। आपको बता दें कि 2014 में जदयू को सिर्फ 2 सीट जीतने में सफलता मिली थी। 2009 में जदयू 25 सीटों पर और भाजपा 15 सीटों पर लोकसभा चुनाव लड़ी थी। अब एनडीए में पासवान और कुशवाहा भी हैं। अभी एलजेपी की छह और आरएलएसपी तीन लोकसभा सांसद हैं। ऐसी स्थिति में क्या BJP देगी JDU को ज़्यादा सीटें?