कर्नाटक कांग्रेस में फूट के आसार, पार्टी के संकटमोचक को मनाने राहुल ने भेजे दो दूत
डीके शिवकुमार की नाराजगी को दूर नहीं करना कुमारस्वामी सरकार की सेहत के लिए नुकसानदेह हो सकता है।

नई दिल्ली। कर्नाटक की सत्ता में भागीदारी को लेकर विवाद अभी थमा नहीं है। सत्ता में समुचित भागीदारी न मिलने पर कांग्रेस के संकटमोचक डीके शिवकुमार नाराज हो गए हैं। उनकी नाराजगी को देखते हुए पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी ने वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद और महासचिव अशोक गहलोत को उन्हें मनाने की जिम्मेदारी सौंपी है। आपको बता दें कि बुधवार को कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन के नेता कुमारस्वामी ने सीएम पद की शपथ ली है। शुक्रवार को विधानसभा में बहुमत प्रस्ताव पेश होना है। जानकारी के मुताबिक उससे पहले विधानसभा स्पीकर और डिप्टी स्पीकर का नाम तय होना है।
उपेक्षा से नाराज हैं शिवकुमार
कर्नाटक में भाजपा की सरकार ढाई दिन में गिराने में चाणक्य की भूमिका निभाने वाले डीके शिवकुमार ने पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी के बेंगलूरु दौरे के दौरान उचित सम्मान न मिलने की शिकायत दर्ज कराई थी। जबकि कर्नाटक चुनाव में भाजपा को सत्ता से बाहर भेजने में उन्होंने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। इसी आधार पर डीके शिवकुमार को डिप्टी सीएम पद की रेस में सबसे आगे माना जा रहा था। लेकिन कांग्रेस हाईकमान ने जी परमेश्वर को डिप्टी सीएम बना दिया। अब इस बात को लेकर ही वह नाराज चल रहे हैं।
अहम जिम्मेदारी की अपेक्षा
दरअसल शिवकुमार, कुमारस्वामी की तरह वोक्कालिगा समुदाय से आते हैं। ऐसे कांग्रेस कभी नहीं चाहेगी कि सीएम और डिप्टी सीएम दोनों ही वोक्कालिगा समुदाय से हों। डिप्टी सीएम न बनाए जाने से नाराज डीके शिवकुमार अब कर्नाटक की नवनिर्वाचित सरकार में दो बड़े मंत्रालय या प्रदेश अध्यक्ष का पद चाहते हैं। इसके लिए वह दवाब बनाने की कोशिश में हैं। उन्होंने पार्टी हाईकमान को इस बात का भी संकेत दिया है कि पार्टी की उनकी भूमिका को देखते हुए उन्हें उचित जिम्मेदारी दी जाए।
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