अमृतसर हादसा: ट्रेन के चालक ने कहा- सिग्नल ग्रीन होने से अंदाजा नहीं था कि पटरी पर इतने लोग होंगे अब याद आया राम का नाम
महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के बड़े नेता चुनावी लाभ हासिल करने के लिए अयोध्या में राम मंदिर बनवाने का जिक्र बार-बार कर रहे हैं। लोकसभा चुनाव में शिवसेना राम मंदिर के नाम पर प्रदेश में वोटों के ध्रुवीकरण में जुटी है। 2014 के चुनाव के बाद से लेकर अभी तक शिवसेना को भगवान राम का ख्याल नहीं आया। कांग्रेस नेता अशोक चव्हाण ने कहा है कि शिवसेना और भाजपा इसका राजनीतिक फायदा उठाकर जनता से उनके पक्ष में वोट करने को कह रहे हैं। शिवसेना राम मंदिर के मुद्दे पर राजनीतिक फायदा उठाना चाहती है। जबकि कांग्रेस ने इस मुद्दे पर हमेशा गंभीरता का परिचय दिया है और हमारी पार्टी इसका लाभ नहीं उठाना चाहेगी।
महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के बड़े नेता चुनावी लाभ हासिल करने के लिए अयोध्या में राम मंदिर बनवाने का जिक्र बार-बार कर रहे हैं। लोकसभा चुनाव में शिवसेना राम मंदिर के नाम पर प्रदेश में वोटों के ध्रुवीकरण में जुटी है। 2014 के चुनाव के बाद से लेकर अभी तक शिवसेना को भगवान राम का ख्याल नहीं आया। कांग्रेस नेता अशोक चव्हाण ने कहा है कि शिवसेना और भाजपा इसका राजनीतिक फायदा उठाकर जनता से उनके पक्ष में वोट करने को कह रहे हैं। शिवसेना राम मंदिर के मुद्दे पर राजनीतिक फायदा उठाना चाहती है। जबकि कांग्रेस ने इस मुद्दे पर हमेशा गंभीरता का परिचय दिया है और हमारी पार्टी इसका लाभ नहीं उठाना चाहेगी।
शीर्ष अदालत के फैसले पर होगा अमल
उन्होंने कहा कि हमारा देश संविधान के आधार पर कार्य करता है। अदालतों द्वारा जो भी निर्णय लिया जाएगा उस पर अमल किया जाएगा। केंद्र सरकार को भी इसी रुख पर काम करना चाहिए। उन्होंने कहा कि राम मंदिर विश्वास का विषय है। लेकिन इसका विवाद इतना गंभीर और संवेदनशील मुद्दा बन चुका है कि इसका राजनीतिक समाधान उचित नहीं रहेगा। इसलिए सभी को चाहिए कि वो राम मंदिर विवाद का समाधान सुप्रीम कोर्ट पर छोड़ दें।
उन्होंने कहा कि हमारा देश संविधान के आधार पर कार्य करता है। अदालतों द्वारा जो भी निर्णय लिया जाएगा उस पर अमल किया जाएगा। केंद्र सरकार को भी इसी रुख पर काम करना चाहिए। उन्होंने कहा कि राम मंदिर विश्वास का विषय है। लेकिन इसका विवाद इतना गंभीर और संवेदनशील मुद्दा बन चुका है कि इसका राजनीतिक समाधान उचित नहीं रहेगा। इसलिए सभी को चाहिए कि वो राम मंदिर विवाद का समाधान सुप्रीम कोर्ट पर छोड़ दें।