तीन प्रदेशों की बात करें तो यहां जनता ने भाजपा की नीतियों को सिरे से नकारा है और पंजे के विजन को स्वीकारा है। तीन राज्यों में भाजपा को सबसे ज्यादा नुकसान छत्तीसगढ़ में हुआ है। पिछले चुनाव के मुकाबले भाजपा ने यहां 8 फीसदी का नुकसान उठाया जबकि मध्यप्रदेश में ये नुकसान करीब 4 फीसदी रहा वहीं राजस्थान में भी जनता की नाराजगी की शिकार होना पड़ा।
जीत की तिकड़ी मारने वाली कांग्रेस को तीन राज्यों में जनता ने दिल खोलकर वोट दिए। यही वजह रही कि राजस्थान में कांग्रेस को सबसे ज्यादा फायदा हुआ है। यहां पिछले चुनाव की तुलना में कांग्रेस ने 6.2 फीसदी ज्यादा वोट बंटोरे। वहीं छत्तीसगढ़ में भी कांग्रेस ने करीब 3 फीसदी जनता के बीच अपनी पैठ बनाने में कामयाबी हासिल की। मध्यप्रदेश की बात करें तो यहां कांग्रेस को वर्ष 2013 के मुकाबले 4.6 फीसदी का फायदा मिला है।
इस बार के विधानसभा चुनाव में निर्दली और छोटी पार्टी के प्रत्याशियों की भी बल्ले बल्ले रही है। राजस्थान, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ और तेलंगाना समेत चारों राज्यों में अन्य को फायदा मिला है।
जैसा कि पहले से ही साफ था इन पांच राज्यों के चुनावों को देश की सत्ता के समीफाइनल के रूप में देखा जा रहा था और ये माना जा रहा था कि सेमीफाइनल जीतने वाले फाइनल के लिए क्वालिफाई होगा। इस लिहाज से कांग्रेस अब न केवल फाइनल के क्वालिफाई हो गई है बल्कि मजबूत दावेदार भी बन गई है। लोकसभा चुनाव 2019 में अब ज्यादा वक्त नहीं है। कुछ मुद्दे हैं जिन्हें कांग्रेस संतुलन के साथ भुना लेती है तो भाजपा को सत्ता से बेदखल करने में कामयाब होगी। किसानों की कर्ज माफी, रोजगार और महंगाई जैसे मुद्दों को लेकर कांग्रेस ने अपनी कमर कस भी ली है। राहुल लगातार अपने बयानों में इन मुद्दों को उठाते रहे हैं। अब तीन महीने में इन पर ठीक काम होता है तो माना जा सकता है कि लोकसभा के लिए पंजा पूरी तरह तैयार है।