दरअसल कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी की कोशिश बदले हालात में उन दलों को भी साथ करने की है जिन्हें भाजपा से परहेज है। इस बात को ध्यान में रखते हुए उन्होंने भाजपा विरोधी पार्टियों को डिनर पर बुलाया है। जानकारी के मुताबिक इसमें एनसीपी प्रमुख शरद पवार , टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी और बसपा प्रमुख मायावती खुद शामिल नहीं होंगी। इन लोगों की तरफ से पार्टी के प्रतिनिधि डिनर में शामिल होंगे। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के तेवर बदले-बदले से लग रहे हैं। उनके सोनिया के डिनर में शामिल ना होने की खबरें सामने आ रही हैं। खबर है कि सोनिया के डिनर में तृणमूल कांग्रेस की तरफ से ममता खुद तो इस डिनर में शामिल नहीं होंगी लेकिन सुदीप उनका प्रतिनिधित्व करने के लिए शिरकत करेंगे। दीदी अब क्षेत्रीय पार्टियों से एक फेडरल फ्रंट बनाने के लिए कह चुकी हैं और साथ ही उन्होंने तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव के एंटी-कांग्रेस और एंटी-बीजेपी फ्रंट को अपना समर्थन दिया है। आपको बता दें कि सोनिया की दावत के बाद इसी तरह का डिनर देने का प्लान राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) सुप्रीमो शरद पंवार भी कर रहे हैं। वह इस डिनर में कांग्रेस को भी निमंत्रित करेंगे। डिनर में राष्ट्रीय जनता दल के नेता और बिहार के पूर्व उप-मुख्यमंत्री रहे तेजस्वी यादव के अलावा बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा के अध्यक्ष जीतन राम मांझी के इस डिनर में शामिल होने की खबर है। डिनर पॉलिसी के तहत 17 विपक्षी दल साथ आएंगे। सभी साथ मिलकर संसद भवन के अंदर और बाहर भाजपा को घेरने के लिए साझा रणनीति बनाएंगे।