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राहुल गांधी ने आरोप लगया कि भाजपा के शीर्ष नेतृत्व की ओर से सदन में उनकी आवाज दबाने के लिए सांसदों को निर्देश दिए गए थे। यह घटना तब हुई जब कांग्रेस सांसद मणिकम टैगोर ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन द्वारा पढ़े जा रहे एक पेपर को छीनने की कोशिश की। केंद्रीय मंत्री प्रधानमंत्री के खिलाफ राहुल गांधी की ‘डंडा’ टिप्पणी की निंदा कर रहे थे।
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इस प्रकरण पर प्रतिक्रिया देते हुए राहुल गांधी ने मणिकम टैगोर का बचाव किया और आरोप लगाया कि टैगोर को उकसाया गया। उन्होंने दावा किया कि विपक्ष और कांग्रेस को ‘दरकिनार’ किया जा रहा है। घटना के बाद राहुल ने मीडिया से बातचीत में कहा कि वायनाड में एक मुद्दा है, वहां उनके पास मेडिकल कॉलेज नहीं है, यह लंबे समय से चल रहा मुद्दा है। इसलिए मैं इस मुद्दे को सदन में उठाना चाहता था।
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उन्होंने आगे कहा कि हालांकि, भाजपा नहीं चाहती कि मैं सदन में अपनी बात कहूं और इसलिए पूरी तरह से गैर-संसदीय तरीके से स्वास्थ्य मंत्री ने एक मुद्दा उठाया, जो सदन के बाहर हुआ और जिसका संसद से कोई लेना-देना नहीं है। राहुल ने कहा कि हमें संसद में नहीं बोलने दिया जा रहा है। सरकार ने आरोप लगाया है कि राहुल गांधी के उकसावे के बाद, कांग्रेस के सांसदों ने सोचा कि वे अपने नेता की ‘डंडा’ टिप्पणी पर खरा उतरेंगे।
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सहायता संसदीय कार्य मंत्री प्रहलाद जोशी ने कहा, “यह डॉक्टर हर्षवर्धन को पीटने का प्रयास था। यह कांग्रेस के हताशा के स्तर को दिखाता है और यह गुंडागर्दी की हद है।”