बयान में कहा गया है, ‘अनुशासनहीनता और पार्टी विरोधी गतिविधियां किसी भी स्तर पर बर्दाश्त नहीं की जा सकतीं और नेताओं व स्वयंसेवकों को पार्टी द्वारा निर्धारित नियमों का पालन करना होगा।’ आप की पंजाब इकाई में इस वर्ष अगस्त में उस समय विद्रोह देखने को मिला था, जब आप के केंद्रीय नेतृत्व ने अचानक खैरा को पंजाब विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष के पद से हटा दिया था। पंजाब में उसी के बाद से पार्टी नेताओं के बीच लड़ाई खुलकर सामने आ गई थी।
खैरा खेमा आप की पंजाब इकाई के लिए स्वायत्तता की मांग करता रहा है। इस खेमे को कुछ आप विधायकों का समर्थन हासिल है। विद्रोही नेतृत्व ने इस अगस्त में पंजाब के लिए अपनी आठ सदस्यीय अस्थाई राजनीतिक मामलों की समिति (पीएसी) की घोषणा की थी। खैरा ने दो अगस्त को बठिंडा में हुए विद्रोहियों के एक सम्मेलन में आप की पंजाब इकाई के सांगठनिक ढांचे को भंग करने की भी घोषणा की थी। उन्होंने हालांकि कहा था कि वह पार्टी को तोड़ने की कोशिश नहीं कर रहे हैं। खैरा भोलथ से विधायक हैं, जबकि संधू खरार सीट का विधानसभा में प्रतिनिधित्व करते हैं।