विपक्षी एकता को मजबूत करने का प्रयासों
आपको बता दें कि 2019 में होने वाले आम चुनाव से पहले विपक्षी एकता को मजबूत करने के लिए कांग्रेस की ओर से यह एक बड़ा प्रयास है। इससे पहले कर्नाटक में मुख्यमंत्री के शपथग्रहण समारोह में विपक्षी एकता दिखी थी। लेकिन उसके बाद से लगातार यह सवाल खड़े होते रहे कि क्या मोदी के खिलाफ महागठबंधन बन पाएगा। क्योंकि कई ऐसे अवसर आए जब कई दलों ने अप्रत्यक्ष तौर पर कांग्रेस के साथ आने से मना कर दिया। लेकिन अब एक बार फिर से तीन राज्यों में भाजपा की करारी हार और कांग्रेस की जीत से महागठनबंधन की आस बंध गई है। इसी सिलसिले में सोनिया गांधी और राहुल गांधी एक प्रयास करने में जुटे हुए हैं। बता दें कि इससे पहले दिल्ली में हाल में हुई विपक्षी दलों की बैठक के बाद यह दूसरी ऐसी मुलाकात होने जा रही है, जहां सभी विपक्षी नेता जुटेंगे। इससे पहले हुई बैठक में राहुल गांधी ने भाजपा पर जमकर निशाना साधा था और उसे सांप्रदायिक और फासिस्ट ताकत बताया था। उन्होंने कहा था कि भाजपा ने सीबीआई, आरबीआई और चुनाव आयोग जैसी संवैधानिक संस्थाओं को बर्बाद कर दिया है। फिलहाल रफाल मामले को लेकर सत्तापक्ष और विपक्ष के बीच घमासान मचा हुआ है।