नई दिल्ली। राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ ने अपने मुखपत्र पांचजन्य में अब मीडिया पर निशाना साधते हुए उसे मीडिया को असहिष्णु बताया है। मुखपत्र में बुद्धिजीवियों द्वारा अवॉर्ड वापसी की घटनाओं और केरल हाउस गोमांस मामले को अधिक उछालने का आरोप लगाया है।
लेख में लिखा गया है कि इन दिनों टीवी देख कर ऐसा लगता है कि देश खतरे में है, सामाजिक सहिष्णुता घट रही है, गृह युद्ध जैसी स्थिति है, ऐसा कि जैसा चारों ओर रक्तपात हुआ हो। इसमें यह भी लिखा गया है कि चुनाव के वक्त बनाया गया यह माहौल किसी को भी डरा सकता है।
इस लेख में केरल हाउस में गोमांस हुए गोमांस मामले पर बात लिखी गई है। इसमें लिखा गया है कि केरल हाउस में गोमांस को लेकर एक विवाद हुआ। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर मामले को सुलझा लिया। इस पर मीडिया कैसे चुप रह सकता था? शाम तक सभी चैनल इस पर बहस कर रहे थे कि गोमांस बिक्री की शिकायत मिलने पर पुलिस द्वारा केरल हाउस जाना कितना शर्मनाक है।
अवॉर्ड वापसी को लेकर भी चर्चा करते हुए लिखा गया है कि इस अवॉर्ड वापसी मामले में गुलजार द्वारा टिप्पणी करने के मामले में भी मीडिया की भूमिका पर हमला बोला गया है। लेख में असहिष्णुता की बहस पर सरकार के पक्ष में दिये गये बयानों को नहीं दिखाने का आरोप भी लगाया गया है। इसमें सवाल किया गया है कि प्रख्यात वैज्ञानिक पी एम भार्गव ने सरकार के खिलाफ दिये गये बयान को चैनलों द्वारा क्यों दिखाया गया और एक अन्य वैज्ञानिक जी माधवन नायर द्वारा सरकार के पक्ष में दिया गया बयान क्यों नहीं दिखाया गया।
लेख में लिखा गया है कि अति धर्मनिरपेक्ष पत्रकार लगातार हिंदू परंपराओं का अपमान कर रहे हैं और आलेखों के माध्यम से हिंदू त्योहार करवाचौथ को रूढ़िवादी रहे हैं। इसमें मुनव्वर राणा के बारे में भी टिप्पणी की गई है।
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