नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता और जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री ने एक कार्यक्रम में कहा है कि घाटी में गवर्नर शासन लगते ही आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद को शह मिली। यही नहीं उन्होंने ये भी सवाल किया कि इन हालातों में कौन बेहतर है, जैश-ए-मोहम्मद या फिर पत्थरबाज। गवर्नर रूल में पत्थरबाजी कम होने के केंद्र के दावे पर फारूक अब्दुल्ला ने कहा, ‘गवर्नर रूल में अगर पत्थरबाजी रुक गए तो क्या जैश-ए-मोहम्मद बढ़ गया। क्या वो (जैश-ए-मोहम्मद) बेहतर था या पत्थरबाज बेहतर थे. यह बताओ।’
अब्दुल्ला यहीं नहीं रुके उन्होंने घाटी में चल रहे माहौल के बीच राज्यपाल पर एक बार फिर सवाल उठाए उन्होंने कहा कि इस गम के माहौल में गवर्नर साहब राजभवन छोड़कर बाहर क्यों नहीं आ रहे। जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि ‘यहां जम्मू-कश्मीर में गर्वनर शासन फेल रहा है, यहां जनता का शासन होना चाहिए और उसके लिए होने वाले चुनाव में सही मशीन का इस्तेमाल करना चाहिए।