सोमवार को कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने शशि थरूर को अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ने पर सहमति जता दी है। अब कयास लगाया जा रहा है कि कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और शशि थरूर में मुकाबला होगा। सोनिया गांधी के विदेश से लौटने के बाद थरूर और कुछ अन्य कांग्रेस नेताओं ने मुलाकात की। इस दौरान सोनिया गांधी ने थरूर के अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ने को लेकर सहमति जता दी।
कांग्रेस सूत्रों के अनुसार अध्यक्ष पद की दावेदारी में शशि थरूर का नाम तो क्लियर है, लेकिन अशोक गहलोत नाम पर संशय है। अशोक गहलोत मुख्यमंत्री पद छोड़ने और दिल्ली जाने के लिए अनिच्छुक हैं। लेकिन पार्टी की ओर से अशोक गहलोत सबसे पसंदीदा विकल्प है। इसके पीछे तर्क यह दिया जा रहा है कि अशोक गहलोत पार्टी के वरिष्ठ नेता होने के साथ-साथ गांधी परिवार के वफादार हैं।
इधर पार्टी के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने कहा, जो कोई भी चुनाव लड़ना चाहता है वह स्वतंत्र है और ऐसा करने के लिए स्वागत है। यह कांग्रेस अध्यक्ष और राहुल गांधी की लगातार स्थिति रही है। यह एक खुली, लोकतांत्रिक और पारदर्शी प्रक्रिया है। किसी को भी चुनाव लड़ने के लिए किसी की अनुमति की आवश्यकता नहीं है। जहां 22 सितंबर को चुनाव की अधिसूचना जारी की जाएगी।
सूत्रों के अनुसार जी-23 समूह एक उम्मीदवार को खड़ा करने के लिए कमर कस रहा है और तिरुवनंतपुरम के सांसद थरूर इसकी शीर्ष पसंद हैं, पार्टी के वफादारों के लिए राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पसंदीदा विकल्प हैं। चर्चा यह भी है कि यदि किसी कारणवश गहलोत चुनाव से पीछे हटते हैं तो पूर्व केंद्रीय मंत्री मुकुल वासनिक या राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे दावेदारी ठोक सकते है।
इस बीच, कांग्रेस की राज्य इकाइयां राहुल गांधी को अगला पार्टी अध्यक्ष बनाने के लिए प्रस्ताव पारित कर रही हैं, जिसमें राजस्थान, महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ शामिल हैं। हालांकि, कांग्रेस के केंद्रीय चुनाव प्राधिकरण (सीईए) ने कहा है कि ऐसे प्रस्तावों का चुनाव प्रक्रिया पर कोई असर नहीं पड़ेगा। सीईए के अध्यक्ष मधुसूदन मिस्त्री ने कहा, इन प्रस्तावों का चुनाव प्रक्रिया पर कोई असर नहीं है।