उपमुख्मंत्री ने दावा किया कि उन्हें कांग्रेस सूत्रों से जानकारी मिली है कि प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष भरत सिंह सोलंकी खुद जानते हैं कि संवैधानिक व्यवस्था के अनुसार 49 फीसदी से ज्यादा आरक्षण संभव नहीं है। गत दिवस भी उन्होंने कहा कि कांग्रेस इस सन्दर्भ में प्रस्ताव पारित कर निर्णय संसद पर छोड़ देगी। इसी को केन्द्र में रखकर हार्दिक सहित पास के नेताओं की आगामी दिनों में कपिल सिब्बल जैसे विधि विशेषज्ञ नेताओं के साथ बातचीत होगी। उसमें हार्दिक के कांग्रेस में शामिल होने की रणनीति तय होगी। इस प्रकार की राजनीतिक सौदाबाजी के बाद कांग्रेस नेताओं की ओर से दिल्ली से गुजरात में कांग्रेस की सत्ता आने पर पाटीदारों को 20 फीसदी आरक्षण का आश्वासन दिया जाएगा। ऐसी मैच फिक्सिंग के बाद हार्दिक पास कार्यकर्ताओं को आदेश देंगे कि कांग्रेस की रैली-सभाएं होने दी जाएं।
नितिन पटेल ने कहा कि पास का मूल आन्दोलन पाटीदारों को ओबीसी आरक्षण आंदोलन में शामिल करने को लेकर था। भाजपा सरकार ने तो आर्थिक पिछड़े लोगों के लिए दस फीसदी ईबीसी आरक्षण का प्रस्ताव पारित किया था, जिसे गुजरात उच्च न्यायालय ने रद्द कर दिया। उसके बाद उच्चतम न्यायालय में दायर याचिका के आधार पर ओबीसी के तीन हजार विद्यार्थियों को प्रवेश मिला। पाटीदार सहित ओबीसी वर्गों को दस फीसदी आरक्षण देने के राज्य सरकार के प्रस्ताव को उच्चतम न्यायालय ने वृहद खण्डपीठ के समक्ष विचार के लिए भेजा है। राज्य सरकार ने तो ईबीसी आयोग का गठन भी किया।