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दुर्गाजी थीं रक्षा मंत्री, लक्ष्मीजी संभालती थीं वित्त मंत्रालय

इंडियन स्कूल ऑफ बिजनेस के लीडरशिप समिट में महिला सशक्तिकरण पर जोर देते हुए नायडू ने कहा, प्राचीन भारत में सभी व्यवस्थाएं देवियां चलाती थीं

Sep 22, 2017 / 10:02 pm

Pradeep kumar

Vice President Naidu

Vice President Venkaiah Naidu

नई दिल्ली. नवरात्रि में आप अलग-अगल रूपों में मां की आराधना करते हैं लेकिन शायद ही आपके ध्यान में वह आया हो जो उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने बताया। मोहाली में इंडियन स्कूल ऑफ बिजनेस के लीडरशिप समिट में महिला सशक्तिकरण पर जोर देते हुए नायडू ने कहा, प्राचीन भारत में सभी व्यवस्थाएं देवियां चलाती थीं। मां दुर्गा रक्षा मंत्री थीं तो लक्ष्मी जी वित्तमंत्रालय संभालती थीं। नायडू ने कहा, युवा पीढ़ी को अपनी ऐतिहासिक धरोहरों पर गर्व होना चाहिए।
उपराष्ट्रपति ने कहा, आज रामराज्य की बात कहने पर भले सांप्रदायिक रंग दे दिया जाए लेकिन सच यह है कि शासन और सत्ता की बात करें तो सबसे स्वर्णिम युग रामराज्य ही था। हमें अपने इतिहास में उन सुनहरे अध्यायों को जोडऩा होगा जो छूट गए हैं। अपना इतिहास लिखना होगा। गुरुदेव रवींद्रनाथ टैगोर को कोट करते हुए नायडू ने कहा, अगर हम आंतरिक शक्ति को जान लें और एकजुट होकर काम करें तो नए भारत का निर्माण संभव है। वेंकैया ने कहा, मैं हमेशा पॉलिटिकली करेक्ट नहीं हो सकता। मुझे बताया गया कि अब चाहकर भी मैं दिल की बात नहीं कर सकता क्योंकि उप राष्ट्रपति हूं। लेकिन मैं दिल की बात नहीं कहूंगा तो बीमार पड़ जाऊंगा।
संविधान की मर्यादा जरूरी
उप राष्ट्रपति नायडू ने कहा कि कुछ दिनों से देश में बढ़ती असहिष्णुता और अभिव्यक्त की आजादी पर बहस हो रही है। लेकिन यह कहना कि समाज असहिष्णु हो गया है, यह मेरे विचार से गलत है। उन्होंने कहा कि कुछ लोग अभी भी अफजल गुरु पर राय जताते हैं। यह लोकतंत्र में ही संभव है कि आप स्वतंत्रतापूर्वक अपने विचार व्यक्त कर सकते हैं। फिर भी संविधान की मर्यादा का ध्यान रहना चाहिए। संविधान ने आजादी दी है लेकिन उसकी सीमा भी है।
विकास पर होना चाहिए फोकस
नायडू ने कहा, देश को आगे ले जाना है तो विकास पर फोकस करना होगा। देश का एजेंडा सिर्फ डेवलपमेंंट, डेवलपमेंट, डेववलमेंट, सुशासन होना चाहिए। किसी तरह के विवाद की कोई जगह न हो। हम आजाद मुल्क हैं, हमारे ऊपर कोई बाहरी शासक नहीं है। हम खुद अपने अपने शासक हैं। राजनीति में चुनाव पर फोकस होना चाहिए लेकिन एक बार चुनाव हो जाए तो सबका एजेंडा सिर्फ विकास होना चाहिए।

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