महुधा विधानसभा क्षेत्र
महुधा विधानसभा क्षेत्र राज्य के खेड़ा जिले में पड़ता है। इस सीट पर बीजेपी का हमेशा दांव लगा रहा। अब जबकि एक बार फिर गुजरात में कमल का फूल खिला है, बावजूद इसके बीजेपी इस सीट पर जीत हासिल न कर सकी। आंकड़ों की बात करें तो यहां कांग्रेस हमेशा से ही मजबूत स्थिति में रही है। यहां से पिछले 6 चुनाव में कांग्रेस के नटवर सिंह ठाकोर ने अपनी जीत दर्ज कराई है।
बोरसद विधानसभा क्षेत्र
ऐसी ही एक सीट बोरसद है। यह विधानसभा क्षेत्र राज्य के आणंद जिले के अंतर्गत आता है। जानकारों की मानें तो 1962 में गुजरात विधानसभा का गठन होने के बाद से पिछले 55 सालों स अब तक यहां बीजेपी का प्रत्याशी एक बार भी अपनी जीत दर्ज नहीं कर सका। हालांकि इस विधानसभा क्षेत्र के बनने के काफी बाद 1980 में ही भारतीय जनता पार्टी का गठन हुआ था। इस सीट पर कांग्रेस के टिकअ पर चुनाव लड़ रहे राजेन्द्र सिंह परमार जीत हासिल की है। उन्हें अपने प्रतिद्वंदी रमणभाई सोलंकी को मिले 74786 की अपेक्षा 86254 वोट मिले हैं।
व्यारा विधानसभा सीट
यह सीट साउथ गुजरात के सूरत जिले के अंतर्गत आती है। स्वतंत्रता के बाद से आज तक यह सीट बीजेपी के लिए दूर की कोड़ी ही साबित हुई है। हालांकि यह सीट अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित रखी गई है। इस बार के चुनाव में इस सीट से कांग्रेस उम्मीदवार गामीत पुनाभाई ढेडाभाई विजयी हुए हैं। उनको 87140 मत हासिल हुए हैं, जबकि उनके प्रतिद्वंदी बीजेपी उम्मीदवार अरविंदभाई रूमसीभाई चौधरी को 63677 वोट मिले हैं।
झगाड़िया विधानसभा क्षेत्र
झगाड़िया विधानसभा क्षेत्र एक आदिवासी बाहुल्य सीट है। यह राज्य के भरुच जिले में पड़ती है। यहां भी जीत हासिल करना बीजेपी के लिए बस एक सपना ही रहा है। यह विधानसभा सीट भी एससी व एसटी के लिए रिजर्व रखी गई है। इस बार के विधानसभा चुनाव में भारतीय ट्रायबल पार्टी के छोटूभाई वसावा प्रत्यााशी को वोट हासिल हुई है। छोटूभाई को 113854 वोट पड़े हैं। बीजेपी उम्मीदवार रवजीभाई ईश्वरभाई वसावा को 64906 पर ही संतोष करना पड़ा है।