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गुजरात राज्यसभा चुनावः कांग्रेस को सुप्रीम कोर्ट से झटका, एक साथ चुनाव की मांग वाली याचिका खारिज

locationनई दिल्लीPublished: Jun 25, 2019 03:54:21 pm

Gujarat Rajya Sabha Election कांग्रेस को बड़ा झटका
Supreme Court ने खारिज की Election Commission के खिलाफ दायर याचिका
कांग्रेस ने की थी एक साथ चुनाव की मांग

supreme court

गुजरात राज्यसभा चुनावः कांग्रेस को सुप्रीम कोर्ट से झटका, एक साथ चुनाव की मांग वाली याचिक खारिज

नई दिल्ली। गुजरात कांग्रेस ( Gujrat Congress ) को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका लगा है। दरअसल राज्यसभा चुनाव ( Gujarat Rajya Sabha Election ) को लेकर गुजरात कांग्रेस की याचिका सुप्रीम कोर्ट ( Supreme Court ) ने खारिज कर दी है। यही नहीं सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ता विवेक तंखा ( गुजरात कांग्रेस के वकील ) से कहा है कि वे निर्वाचन आयोग ( Election Commission of India ) के सामने अपनी याचिका लगाएं। आपको बता दें कि चुनाव आयोग ने गुजरात में राज्यसभा चुनाव कराने के लिए 5 जुलाई की तारीख घोषित की है।
कोर्ट ने कहा है कि फिलहाल हम इस मामले पर सुनवाई नहीं करेंगे। एक बार चुनाव प्रक्रिया पूरी हो जाए इसके बाद हम चुनाव याचिका के रूप में सुनवाई कर सकते हैं। दरअसल गुजरात कांग्रेस ने कोर्ट से गुहार लगाई थी कि वे प्रदेश में दो सीट पर होने वाले राज्यसभा चुनाव एक साथ आयोजित किए जाएं।
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सर्वोच्च न्यायालय ने ये दिया तर्क
– रेगुलर वैकेंसी भरने के लिए एकसाथ चुनाव कराए जाते हैं
– आकस्मिक यानी कैजुअल वैकेंसी के लिए एक साथ चुनाव कराने की कोई बाध्यता नहीं है
– अब अदालतों के कई आदेशों और फैसलों से एक तीसरी श्रेणी स्टेट्यूटरी की सामने आई है
– आप ( गुजरात कांग्रेस ) इसकी याचिका आयोग के सामने दाखिल करें
चुनाव आयोग ने दाखिल किया हलफनामा
गुजरात में राज्यसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस की याचिका पर चुनाव आयोग ने हलफनामा दाखिल किया था। इस हलफनामे में आयोग ने अलग-अलग चुनाव कराए जाने के अपने फैसले को सही बताया।

आयोग ने कहा, खाली की गई सीटों पर अलग-अलग चुनाव कराना कानून के मुताबिक है। 57 साल से दिल्ली हाईकोर्ट और बॉम्बे हाईकोर्ट के फैसलों के मुताबिक इस तरह चुनाव होते आए हैं।

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ऐसे होते हैं चुनाव
– कैजुअल रिक्तियों (जब उम्मीदवार लोकसभा के चयनित हो जाए, यानी बीच में ही वो राज्यसभा की सीट छोड़ दे) में अलग-अलग चुनाव कराए जाते हैं।
– रेगुलर वैकेंसीः ऐसा तब होता है जब उम्मीदवार अपना कार्यकाल पूरा कर लेता है। ऐसी स्थिति में चुनाव एक साथ कराए जाते हैं।
बीजेपी को होगा फायदा
सुप्रीम कोर्ट की ओऱ से गुजरात कांग्रेस की याचिका खारिज किए जाने के बाद बीजेपी को फायदा होने की उम्मीद है। दरअसल प्रदेश में संख्या बल के हिसाब से उम्मीदवार को 61 मतों की जरूरत होती है। चुनाव आयोग के नोटिफिकेशन के मुताबिक विधायक अलग-अलग वोट करेंगे। ऐसे में उन्हें दो बार वोट करने का मौका मिलेगा।
इस तरह बीजेपी विधायक जिनकी संख्या 100 से ज्यादा है, वे दो बार वोट करेंगे। ऐसे में दो बार वोट कर वे दोनों उम्मीदवारों को जितवा सकते हैं।
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कांग्रेस इसलिए कर रही मांग
वहीं दूसरी तरफ एक साथ चुनाव होते हैं तो बीजेपी के पास 100 और कांग्रेस के पास 75 सीट हैं। ऐसे में रिक्त दोनों सीटों पर एक साथ चुनाव हुए और विधायकों ने एक बार वोट दिया तो बीजेपी और कांग्रेस दोनों के खाते में एक-एक सीट आ जाएगी। यही वजह है कि कांग्रेस एक साथ चुनाव की मांग कर रही है।

ये है पूरा मामला
लोकसभा चुनाव में जीतने की वजह से अमित शाह और स्मृति ईरानी की राज्यसभा सीटें खाली हो गई हैं। इसके बाद गुजरात विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष परेशभाई धनानी ने सर्वोच्च न्यायालय में एक याचिक दायर की, जिसमें चुनाव आयोग से दोनों सीटों पर एक साथ चुनाव कराने की मांग की गई थी।
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