हार्दिक पटेल अब गुजरात से बाहर निकलकर विभिन्न आंदोलन का हिस्सा बन रहे हैं। इसी क्रम में 26 जनवरी को मुंबई में आयोजित संविधान बचाओ रैली में पटेल ने विभिन्न राजनीति दलों के नेताओं के साथ मंच साझा किया। गुजरात से बाहर निकलकर पटेल बड़ी संख्या में युवाओं को जोड़ने में जुट गए है। मार्च 2018 में उड़ीसा में कुदुमी सेना के अधिकार रैली में भी शिरकत करेंगे। पटेल का मानना है कि अब युवा जागृत हो रहा है और सरकार की गलत नीति के खिलाफ आवाज उठाने की हिम्मत कर रहा है।
युवाओं का समूह जोड़कर करेंगे काम सूत्रों के मुताबिक हार्दिक पटेल युवाओं का छोटा-छोटा समूह तैयार करके काम करेंगे। इसके लिए उन्होंने गुजरात के कुछ इलाकों में युवा संवाद का कार्यक्रम भी शुरू किया है। जिसमें सोशल मीडिया के जरिए सरकार के कामकाज की गलत नीतियों को उजागर करने का काम कर रहे हैं।
भाजपाशासित राज्यों ज्यादा फोकस सूत्रों के मुताबिक हार्दिक पटेल भाजपाशासित राज्यों की ओर ज्यादा फोकस करेंगे। पटेल की टीम से जुड़े एक रणनीतिकार के मुताबिक भाजपाशासित राज्यों में बताया जाएगा कि केंद्र और राज्य की सरकार एक होने के बाद भी विकास नहीं हो पा रहा है। पटेल की टीम उन इलाकों का अध्ययन करके पूरी रिपोर्ट तैयार कर रही है कि विकास के लिए कितना पैसा मिला और कितना खर्च हुआ। उसमें युवा और किसानों को योजनाओं का कितना लाभ मिला।