राहुल गांधी ने वायनाड सीट पर ही क्यों लगाया दांव? दादी इंदिरा और मां सोनिया भी कर चुकी हैं दक्षिण का रुख सजा मिलने के कारण हार्दिक पटेल जनप्रतिनिधि अधिनियम 1951 के प्रावधानों के मुताबिक चुनाव लड़ने के लिए अयोग्य घोषित हो गए हैं और इसी कारण वो इन लोकसभा चुनावों में गुजरात में भाग्य नहीं आजमा पाएंगे।
बता दें कि गुजरात (
Gujrat ) में 23 अप्रैल को मतदान होना है और चुनाव नामांकन के लिए अंतिम तिथि 4 अप्रैल ही है। ऐसे में पाटीदार आंदोलन के पोस्टर ब्वाय कहे जाने वाले हार्दिक पटेल की चुनावी राह कठिन हो गई है। 23 अप्रैल को गुजरात की सभी 12 सीटों पर मतदान होने जा रहा है।
भाजपा के लिए कितना कीमती आप का ‘विश्वास’
क्या है मेहसाणा केस मेहसाणा केस 23 जुलाई 2015 माह में हुआ था। विसनगर में भाजपा विधायक ऋषिकेश पटेल के दफ्तर पर हमला करके तोड़ फोड़ की गई थी। इस संबंध में की गई शिकायत के बाद अदालत में हार्दिक के साथ साथ उनके दो साथियों एके पटेल और लाल जी पटेल को दोषी ठहराया गया था। अदालत ने हार्दिक और दो अन्य साथियों को दोषी ठहराते हुए सभी को दो दो साल कैद सुनाई थी। इतना ही नहीं अदालत ने तीनों दोषियों को 50-50 हजार रुपये मुआवजा देने का भी आदेश दिया था।
बीते 29 मार्च गुजरात हाई कोर्ट से निराश होने के बाद हार्दिक पटेल ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया और सुप्रीम कोर्ट से भी उन्हें मायूसी ही हाथ लगी है। हार्दिक पटेल को पाटीदार आंदोलन का जनक कहा जाता है। गुजरात में रहने वाले पटेल समुदाय के लोगों का आरक्षण के लिए हुए आंदोलन का नेतृत्व हार्दिक पटेल ने ही किया था।