सुप्रीम कोर्ट में सोनिया-राहुल गांधी के खिलाफ याचिका, कांग्रेस पर चीन की सरकार से समझौतेे का आरोप अमित शाह ने कहा कि मोदी सरकार ने अंतरिक्ष गतिविधियों में निजी क्षेत्र की भागीदारी को भी मंजूरी है, यह ऐतिहासिक सुधार भारत की वास्तविक अंतरिक्ष क्षमता के मार्ग को प्रशस्त करेगा। IN-SPACe (इंडियन नेशनल स्पेस प्रमोशन एण्ड औथोराइजेशन सेंटर) अंतरिक्ष गतिविधियों में निजी उद्योगों का प्रोत्साहन देगा और उनका मार्गदर्शन कर अंतरिक्ष क्षेत्र के विकास की गति को बढ़ावा देगा।
केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि आत्मनिर्भर भारत के मोदी सरकार के प्रयासों को और मजबूती देते हुए कैबिनेट ने पशुपालन अवसंरचना विकास निधि के लिए 15,000 करोड़ रुपये की मंजूरी दी है। डेयरी क्षेत्र के लिए यह विशाल प्रोत्साहन निश्चित रूप से रोजगार में वृद्धि करेगा और दूध उत्पादकता तथा निर्यात बढ़ाएगा।
शाह ने यह भी कहा कि मुद्रा योजना के तहत शिशु ऋण लेने वाले लोगों के वित्तीय दबाव को कम करने के लिए मोदी कैबिनेट ने पात्र कर्जदारों को 12 महीने के लिए ब्याज में 2 प्रतिशत सब्सिडी को मंजूरी दी है। इससे कोविड की वजह से प्रतिकूल प्रभाव झेल रहे छोटे व्यवसायों को भारी राहत मिलेगी।
शाह ने कहा कि मोदी सरकार ने 1482 शहरी सहकारी बैंकों और 58 बहु-राज्य सहकारी बैंकों को भारतीय रिजर्व बैंक की निगरानी में लाने के अध्यादेश को भी मंजूरी दी है। इससे बैंक जमाकर्ताओं को भरोसा मिलेगा और उनकी गाढ़ी कमाई की रक्षा करके औपचारिक बैंकिंग प्रणाली में उनका विश्वास भी बढ़ेगा।
PM Modi का आत्मनिर्भर भारत की दिशा में एक और कदम, Space Sector पर ऐतिहासिक फैसला गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ( pm modi ) की अगुवाई में बुधवार को केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक ( cabinet meeting ) का आयोजन किया गया। कैबिनेट बैठक के बाद केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ( Prakash Javadekar ) ने बताया कि बुधवार को अंतरिक्ष विज्ञान ( space science ) से लेकर बैकों को में व्यापक सुधार के अध्यादेश को मंजूरी दे दी गई है। उन्होंने बताया कि अब अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक ( co-operative banks ) या मल्टी स्टेट को-ऑपरेटिव बैंक समेत सरकारी बैंक, रिजर्व बैंक (
reserve bank of india ) की निगरानी में आ जाएंगे।
को-ऑपरेटिव बैंकों को लेकर कैबिनेट के फैसले के बारे में जावड़ेकर ने बताया कि अब 1482 शहरी को-ऑपरेटिव बैंकों और 58 बहु-राज्य को-ऑपरेटिव बैंकों समेत सरकारी बैंकों को भारतीय रिजर्व बैंक ( RBI ) की निगरानी में लाया जा रहा है। जिस तरह से रिजर्व बैंक की शक्तियां अनुसूचित बैंकों पर लागू होती हैं, ठीक वैसे ही ये को-ऑपरेटिव बैंकों पर भी लागू होंगी।
उन्होंने बताया कि 1,540 को-ऑपरेटिव बैंकों को रिजर्व बैंक की निगरानी में लाने से इनके खाताधारकों को बड़ा फायदा पहुंचेगा। इन बैंकों के 8.6 करोड़ से ज्यादा ग्राहकों को इस बात की तसल्ली मिलेगी कि इनमें जमा 4.84 लाख करोड़ रुपये सुरक्षित रहेगा।