राज्यसभा में अब कश्मीर के मौजूदा हालत पर चर्चा को आगे बढ़ाते हुए गृहमंत्री अमित शाह जम्मू-कश्मीर पर जानकारी व जरूरी आंकड़ें सदन के पटल पर पेश कर रहे हैं। कश्मीर के हालत पर विपक्ष के सवालों का जवाब देते हुए अमित शाह ने बताया कि आर्टिकल 370 हटाने के बाद से कश्मीर में किसी भी नागरिक की पुलिस की गोली से मौत नहीं हुई है।
अमित शाह ने कहा कि विपक्ष के नेता पूछते हैं कि जम्मू-कश्मीर में स्थिति कब नॉर्मल कब होगी। मैं सदन को बताना चाहता हूं कि कश्मीर में स्थिति नॉर्मल ही है। अमित शाह ने कहा कि विपक्ष का आरोप निराधार है कि कश्मीर घाटी में आज भी कर्फ्यू लगा हुआ है। शाह ने सदन को बताया कि जम्मू-कश्मीर के किसी थाने में कर्फ्यू नहीं है।
अमित शाह ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में दवाई की पर्याप्त उपलब्धता है। अस्पतालों में काफी संख्या में लोग ओपीडी में इलाज करा रहे हैं। कहीं भी स्वास्थ्य संबंधी सेवाओं में कोई दिक्कत नहीं है।
जहां तक इंटरनेट बहाली की बात है तो जम्मू-कश्मीर में इस सुविधा को आम नागरिकों के लिए भी जल्दी चालू करा दिया जाएगा। उन्होंने कहा सबसे अहम सवाल देश की सुरक्षा का है। इसलिए सरकार को प्रथमिकता तय करनी पड़ती है। जब प्रशासन को सही लगेगा तो इसपर विचार करेंगे।
इससे पहले गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने सदन पटल पर महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन पर रिपोर्ट पेश की। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लगाने के अलावा और कोई विकल्प नहीं था।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता आनंद शर्मा ने राज्यसभा में गांधी परिवार की सुरक्षा का मुद्दा जोरदार तरीके से उठाया। उन्होंने कहा कि गांधी परिवार की सुरक्षा को खतरा है। इसके बावजूद केंद्र सरकार इस मुद्दे राजनीति करने पर उतारू है।
आनंद शर्मा द्वारा उठाए गए मुद्दे का जवाब देते हुए राज्यसभा में बीजेपी सांसद सुब्रह्मण्यम स्वामी ने जवाब देते हुए कहा कि गृह मंत्रालय लगातार खतरे का आकलन करता है। यह उसी आधार पर हुआ। यूपीए सरकार के समय भी कई नेताओं की सुरक्षा कम की गई थी। यूपीए सरकार के समय भी कई नेताओं की सुरक्षा कम की गई थी।
वहीं बीजेपी के कार्यकारी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने गांधी परिवार के मुद्दे पर कहा कि इसमें कुछ भी राजनीतिक नहीं है। सुरक्षा हटाई नहीं गई है। गृह मंत्रालय के पास एक नियमावली है और प्रोटोकॉल है। यह किसी राजनेता द्वारा नहीं बल्कि गृह मंत्रालय द्वारा किया गया है।