इंदौर

ट्रैफिक चालान नहीं भरा है तो तुरंत भर दें, नहीं तो आपके घर आएगी पुलिस

पिछले साल भी करीब 15 प्रतिशत ने ही चालान की राशि का भुगतान किया….

इंदौरJan 24, 2022 / 07:09 pm

Ashtha Awasthi

इंदौर। नियम तोड़ने वाले वाहन चालकों पर पुलिस ने कार्रवाई के लिए 28 चौराहों पर आरएलवीडी (रेड लाइट वायोलेशन डिटेक्शन) कैमरे लगवाए है। इनकी मदद से ई- चालान बनाकर भेजे जाते हैं, लेकिन वाहन चालक भुगतान नहीं करते हैं। पिछले साल भी करीब 15 प्रतिशत ने ही चालान की राशि का भुगतान किया। वर्ष 2007-08 में पुलिस ने करोड़ों रुपए खर्च कर चौराहों पर आरएलवीडी कैमरे लगवाए थे। शुरुआती दौर में सबसे ज्यादा ई- चालान लॅटर्न चौराहे व रिंग रोड के मालवीय पेट्रोल पंप चौराहे पर बनते थे।

हालांकि बाद में सुधार आया। ई-चालान में वाहन का फोटो भी आता है। पुलिस फोटो की मदद से मालिक का पता लगाकर उसे ई चालान भेजती हैं। नियम तोड़ने पर 500 रुपए व डाक चार्ज 25 रुपए अलग से जोड़ा जाता है। रेड लाइट तोड़ने पर 500 रुपए का चालान रहता है। अगर तीन सवारी हो तो दो नियम तोड़ने पर राशि एक हजार रुपए हो जाती है। दूसरी बार चालान चालान में वाहन का फोटो भी होता भेजने पर डाक खर्च बढ़ाकर है। पुलिस वाहन नंबर की मदद से 500 रुपए कर दिया जाता है

इन चौराहों पर लगे हैं कैमरे

पुलिस ने जंजीरवाला चौराहा, व्हाइट चर्च, पीपल्याहाना, गीताभवन, पलासिया, एमआइजी, विजयनगर एमजी रोड के हाई कोर्ट तिराहा, कोठारी मार्केट, एमजी रोड थाना जेल रोड चौराहा, मधुमिलन चौराहा मरीमाता चौराहा, बंगाली चौराहा, खजराना चौराहा, मालवीय पेट्रोल पंप चौराहा आदि मुख्य चौराहों पर यातायात सुधार के लिए कैमरे लगा रखे हैं। इनसे वाहन चालकों पर नजर रखी जाती है। हालांकि ब्रिज का काम जारी रहने से बंगाली चौराहे पर अभी कैमरे बंद हैं।

धीरे-धीरे करेंगे सख्ती, गाड़ियां जब्त करेंगे

ट्रैफिक डीसीपी महेशचंद्र जैन के मुताबिक, ई-चालान को लेकर अब पुलिस सख्ती कर रही है। नए चालान की वसूली के लिए टीमों को घर-घर जाकर राशि वसूलने की जिम्मेदारी दी गई है। भविष्य में चौराहों पर लिस्ट के साथ पुलिस टीम तैनात रहेगी और जिस वाहन का ई-चालान पेंडिंग मिलेगा उसे जब्त कर लिया जाएगा। ई-चालान को सख्ती करेंगे तो लोग नियमों का पालन करना शुरू कर देंगे। पुलिस की यह मुहिम शहर के यातायात सुधार में कारगर होगी।

कोर्ट में केस भेजे, कुछ दिन ही चला प्रयोग

पुलिस ने दो साल पहले सख्ती करते हुए चालान नहीं भरने वाले वाहन चालकों के मामलों में कोर्ट में इस्तगासा पेश किया था। कोर्ट तक मामला पहुंचा तो चालान के भुगतान की संख्या बढ़ी थी। बाद में अधिकारी बदले तो यह सख्ती भी बंद हो गई।

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