अस्पताल में तबियत और बिगड़ गई थीं
शशिकला ने कहा कि इस बीच जब जयललिता को होश आया तो वो बोलीं कि उन्हें अस्पताल इसलिए लाया जा सका। क्योंकि वो बेहोश थीं। अगर वो होश में होती तो ऐसा नहीं करने देती। शशिकला ने बताया कि अस्पताल में जयललिता से मिलने नीलोफर कफील, एम थंबीदुरई और सी.विद्यासागर राव पहुंचे थे। लेकिन कुछ दिन बाद ही यानि 28 सितंबर 2016 को अम्मा की तबीयत और खराब हो गई। इसके बाद एम्स के डॉक्टरों ने ट्रैकियॉटमी की सलाह दी।
तबियत में सुधार के बाद काम करने लगी थीं अम्मा
एम्स के डॉक्टरों की सलाह के बाद उनका इलाज किया गया। धीरे-धीरे उनकी सेहत में सुधार होने लगा था। वह उपचुनावों के लिए प्रत्याशियों के घोषणा पत्र पर वह अंगूठे से निशान लगा पा रही थीं। संसद के शीत सत्र में पार्टी की ओर से क्या मुद्दे उठाने हैं, इसपर भी वो बात कर पा रही थीं। हालांकि, अस्पताल में रहते हुए उन्होंने एक निर्देश भी जारी किया था। उन्होंने कहा था कि तब तक उनसे कोई न मिले, जब तक वो खुद न चाहें। उन्होंने कहा था कि जब वह ठीक होकर घर पहुंचेंगी तो सभी उनसे मिल सकेंगे।