नई दिल्ली/पटना: आखिरकार बिहार के महागठबंधन में महीनों से चले आ रहे विवाद का अंत सीएम
नीतीश कुमार के इस्तीफे से हुआ। डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव के इस्तीफे पर राजद-जदयू में बढ़ती तकरार को देखते हुए नीतीश ने बुधवार देर शाम राज्यपाल केशरीनाथ त्रिपाठी को अपना इस्तीफा सौंप दिया, जिसे मंजूर कर लिया गया। इधर नीतीश के इस्तीफे के बाद बीजेपी ने बिना शर्त समर्थन देने का ऐलान कर दिया। पटना में सुशील मोदी ने कहा कि बीजेपी
नीतीश कुमार को बिना शर्त समर्थन करेगी। मुख्यमंत्री आवास पर जेडीयू और बीजेपी विधायक दल की बैठक हुई जिसमें
नीतीश कुमार को विधायक दल का नेता चुना गया। गुरुवार
नीतीश कुमार मुख्यमंत्री पद की शपथ लेेंगे।
नीतीश कुमार और सुशील मोदी ने राज्यपाल से मुलाकात कर सरकार बनाने का दावा पेश किया। शाम पांच बजे
नीतीश कुमार मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे।
सूत्रों के हवाले खबर है कि
नीतीश कुमार के शपथ ग्रहण समारोह में पीएम मोदी भी शामिल हो सकते हैं। सूत्रों के मुताबिक दोनों दलों के 13-13 विधायक भी मंत्री पद की शपथ लेंगे। बता दें कि बिहार में 243 विधानसभा सीट है। जेडीयू के 71 विधायक हैं जबकि बीजेपी के 58 विधायक हैं।
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इधर बिहार में सबसे बड़ी पार्टी होने के नाते लालू यादव ने भी राज्यपाल से सरकार बनाने के लिए समय मांगा है। गौरतलब है कि लालू यादव की पार्टी राष्ट्रीय जनता दल के पास 80 विधायक हैं।
नीतीश ने लालू पर साधा निशाना
गौरतलब है कि
नीतीश ने इस्तीफे के बाद लालू यादव समेत पूरे विपक्ष पर जोरदार हमला भी बोला।
नीतीश कुमार ने कहा कि वह अपनी तरफ से कोशिश कर थक गए, लेकिन तेजस्वी पर लगे भ्रष्टाचार के आरोपों पर आरजेडी ने तस्वीर नहीं साफ की। हालांकि
नीतीश कुमार के इस इस्तीफे के पीछे माना जा रहा है कि इसकी नींव बीते साल से ही उस वक्त रख दी गई थी। जब उन्होंने पहली बार नोटबंदी के मसले पर पीएम मोदी का समर्थन किया था। इसके बाद पटना साहिब में दोनों की मुलाकात और फिर हाल में मौजूदा राष्ट्रपति
रामनाथ कोविंद को समर्थन देकर वह भाजपा के करीब आ गए थे। तभी से ये कयास लगाए जा रहे थे कि बिहार का महागठबंधन अब ज्यादा दिनों की मेहमान नहीं है। ऐसे आए भाजपा के करीब…
नोटबंदी पर किया था समर्थन
जब पूरा विपक्ष नोटबंदी के खिलाफ सरकार को घेर रहा था, ऐसे में नीतीश ही थे, जिन्होंने पीएम के इस कदम की सराहना की थी।
पटना साहिब में नीतीश- मोदी ने एक-दूसरे की जमकर की तारीफ
इस साल गुरु गोविंद सिंह जी की 350 वीं जयंती के मौके पर पीएम मोदी 5 जनवरी को प्रकाश उत्सव में शामिल होने के लिए पटना पहुंचे थे। ऐसे में मोदी की सुरक्षा की कमान खुद
नीतीश कुमार ने संभाली थी। दोनों ने इस मौके पर एक-दूसरे की जमकर तारीफ की थी।
शपथ ग्रहण में पहली पंक्ति में नजर आए थे नीतीश
विपक्ष से अलग
रामनाथ कोविंद को राष्ट्रपति पद के लिए समर्थन देने का फैसला कर नीतीश हाल में भाजपा के करीब आ गए थे। इसकी बानगी तब देखने को मिली, जब कोविंद के शपथ ग्रहण समारोह में उन्हें भाजपा के शीर्ष नेतृत्व के साथ पहली कतार में जगह दी गई थी।
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