विपक्षी दलों के महागठबंधन में शमिल नहीं
JVM प्रमुख मरांडी ने कहा है कि उनकी पार्टी विपक्षी दलों के महागठबंधन में शमिल न होकर अकेले ही चुनाव लड़ेगी। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, बाबूलाल मरांडी ने कहा उन्होंने लोकसभा चुनाव के दौरान गठबंधन कायम रखने का प्रयास किया था। लेकिन हर पार्टी के पास सीटों को लेकर अपनी-अपनी समस्याएं रहीं। इस छोटे राज्य के विधानसभा चुनाव में तो सीटें भी कम हैं और दावेदार अधिक हैं। ऐसे में गठबंधन की संभवना नहीं है। इसलिए उन्होंने’एकला चलो रे’ का रास्ता अख्तियार करते हुए अकेले ही लड़ने का निर्णय लिया है। हालांकि, जब उनसे ये पूछा गया कि चुनाव बाद के गठबंधन की क्या संभावनाएं है, तो उन्होंने इसपर कोई जवाब नहीं दिया।
भाजपा डरी हुई है
बीजेपी के वरिष्ठ नेता रह चुके मरांडी ने अपने बयान में पीएम मोदी और BJP पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा, ‘अगर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और झारखंड के मुख्यमंत्री रघुवर दास की इतने ही लोकप्रिय हैं, तो अपनी खुद की पार्टी के किसी कार्यकर्ता को टिकट देकर चुनाव क्यों नहीं जिताते? अन्य पार्टियों के विधायकों को तोड़ने की क्या जरूरत थी?’ मरांडी ने कहा कि अब तक भाजपा ने जितने भी विधायकों को अपने पाले में किया है, उन्होंने विधानसभा से इस्तीफा तक नहीं दिया है। यह कानून के खिलाफ है। मरांडी ने तंज कसते हुए कहा कि भाजपा भले ही 65 पार की बात कर रही है, लेकिन इस बार वह बेहद सहमी हुई है। यही वजह है कि वह अन्य दलों के विधायकों को अपने पार्टी में शामिल कर उन्हें टिकट देने की तैयारी में है।
कब होने हैं झारखंड में चुनाव
आपको बता दें कि कुल 81 विधानसभा सीटों वाले झारखंड में 5 चरणों में चुनाव कराए जाने हैं। पहले चरण का मतदान 30 नवंबर, इसके बाद 7 दिसंबर, 12 दिसंबर,16 दिसंबर और 20 दिसंबर को दूसरे, तीसरे, चौथे और पांचवें चरण का मतदान कराया जाएगा। इसके बाद 23 दिसंबर को नतीजों का ऐलान किया जाएगा।