रिटायर्ड जस्टिस कर्णन ने कहा कि पूरे देश में दलितों, मुसलमानों, ईसाइयों, सिखों और पारसियों जैसे अल्पसंख्यकों पर अत्याचार किए जा रहे हैं।
नई दिल्ली। देश के सबसे विवादित न्यायाधीशों में शुमार रहे कोलकाता हाईकोर्ट के पूर्व जज जस्टिस सीएस कर्णन ने अब 2019 में लोकसभा चुनाव लड़ने का ऐलान किया है। उन्होंने अपनी ‘एंटी करप्शन डायनेमिक पार्टी’ नाम के नए सियासी दल का भी ऐलान किया है। कर्णन ने कहा कि हम अपनी पार्टी के रजिस्ट्रेशन के लिए मुख्य निर्वाचन आयुक्त को तक पहुंचने की कोशिश कर रहे हैं। गौरतलब है कि जस्टिस कर्णन के नाम पर कई अनचाहे रिकॉर्ड भी दर्ज हैं।
केवल महिलाएं लड़ेंगी चुनाव रिटायर्ड जस्टिस कर्णन ने ऐलान किया उनकी पार्टी सिर्फ महिला उम्मीदवारों को चुनाव लड़ने के लिए नामित करेगी। कर्णन ने कहा कि पूरे देश में दलितों, मुसलमानों, ईसाइयों, सिखों और पारसियों जैसे अल्पसंख्यकों पर अत्याचार किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि सभी राज्यों और केंद्र सरकार को अल्पसंख्यकों और दलितों के हितों की रक्षा करनी चाहिए। उन्होंने निर्दोष सामाजिक कार्यकर्ताओं की तत्काल रिहाई की भी मांग की।
येदियुरप्पा ने पद और गोपनीयता की शपथ, तीसरी बार बने CM; पढ़िए नए मुख्यमंत्री का सियासी अतीतजस्टिस कर्णन का विवादित इतिहास – 9 मई 2017 को जस्टिस कर्णन को सुप्रीम कोर्ट ने छह महीने की सजा सुनाई। – 12 जून 2017 को भगोड़े के रूप में सेवानिवृत्त होने वाले हाईकोर्ट के पहले जज बने। – 20 जून 2017 को कोयंबूटर से पश्चिम बंगाल सीआईडी ने गिरफ्तार किया। – इससे पहले साथी जजों पर दुर्व्यवहार का भी आरोप लगाया था, जिसके बाद वे अनुसूचित जाति-जनजाति आयोग जाने वाले पहले जज बने। – जस्टिस कर्णन ने सुप्रीम कोर्ट के एक फैसले को असंवैधानिक बताया था। उन्होंने कहा था कि उनके साथी जज उन्हें कोई भी न्यायिक और प्रशासनिक कार्य नहीं करने दे रहे हैं। इसके साथ ही उन्होंने सभी सात न्यायाधीशों से मुआवजे के रूप में 14 करोड़ रुपए का मुआवजा भी मांगा था।