राजनीति

पेट्रोल के बढ़े दाम पर सिंधिया का जवाब, ‘विपक्ष शासित राज्यों में दाम कम करने चाहिए’

15-15 लाख रुपये के भाजपा के वादे पर राज्यसभा में सिंधिया बोले-मेरा मुंह मत खुलवाओ, मुंबई में हो रही थी 100 करोड़ की वसूली

नई दिल्लीMar 24, 2021 / 09:25 pm

Mohit Saxena

नई दिल्ली। भाजपा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने बुधवार को राज्यसभा में कांग्रेस पर करारा हमला किया। वित्त विधेयक पर चर्चा करते वक्त सिंधिया अपनी बात रख रहे थे। तभी विपक्ष के सदस्यों ने उन्हें टोका और 15-15 लाख रुपये के भाजपा के वादे को याद दिलाया।
इस पर पलटवार कर सिंधिया ने कहा-‘मेरा मुंह मत खुलवाना, 15 लाख रुपये की बात करेंगे तो मैं महाराष्ट्र की बात करूंगा। बीते तीन-चार दिनों में जो रिपोर्ट सामने आई है, इसमें पहले 100 करोड़ रुपये का हिसाब दें। ये तो सिर्फ मुंबई शहर का है।’
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जी-23 की पीड़ा नहीं समझ सकी कांग्रेस

सिंधिया ने आरोप लगाया कि निजीकरण को लेकर सरकार की आलोचना कर रही पार्टी के नेतृत्व वाली सरकार ने 2007 में विनिवेश को बढ़ावा देने की बात कही थी। उन्होंने कांग्रेस पर हमला करते हुए कहा कि कोरोना संकट का असर सभी लोगों पर पड़ा है। मगर कांग्रेस का काम सिर्फ विरोध करना है। उन्होंने कहा कि वह ‘जी-23’ के लोगों की पीड़ा को नहीं समझ पाई तो देश के लोगों की पीड़ा को किस तरह से समझ सकेगी।
अधूरे सपनो को पूरा करेगी मोदी सरकार

सिंधिया ने कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार आपके अधूरे सपनों को पूरा कर रही है। उन्होंने दावा किया कि सरकार कोरोना आपदा को विकास का अवसर बनाने की को अग्रसर है। मगर विपक्ष आपदा में राजनीति पर जोर दे रही है।
पेट्रोलियम की कीमतों पर भी विपक्ष को घेरा

भाजपा नेता सिंधिया ने पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों को लेकर विपक्ष पर निशाना साधा और कहा कि पेट्रोलियम पदार्थों पर होने वाला खर्च निकालने के बाद मिलने वाली राशि में 40 प्रतिशत हिस्सा राज्य का होता था और शेष 60 प्रतिशत राशि में भी 42 प्रतिशत राज्यों को मिलता है। उन्होंने कहा कि वास्तव में केंद्र को 36 प्रतिशत राशि ही मिलती है। महाराष्ट्र में पेट्रोलियम उत्पादों के दाम सबसे ज्यादा हैं। उन्होंने कहा कि विपक्ष को अपने शासित राज्यों में दाम को कम करना चाहिए। इस दौरान बार-बार विपक्ष के टोके जाने पर उन्होंने कहा,’मैं इतना कहना चाहता हूं, जिनके घर शीशे के होते हैं, वह दूसरों पर पत्थर नहीं फेंकते।’
एलआईसी के आईपीओ का बचाव

उन्होंने भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) के बारे में कहा कि उसका ‘आईपीओ’ आने से निजी पूंजी का प्रवाह हो सकेगा। मगर नियंत्रण सरकार के पास ही रहेगा। उन्होंने कहा कि सरकार एलआईसी में पारदर्शिता और जवाबदेही लाने का प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि सरकार ने पहले की कह दिया कि एलआईसी में पैसा जमा कराने वाले खाताधारकों की राशि सुरक्षित रहेगी।

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