उन्होंने कहा कि उनकी ‘जन गण मन यात्रा’किसी को नेता बनाने के लिए नहीं है बल्कि यह जनता और देश के गणतंत्र को बचाने के लिए है। गांधी मैदान में ‘संविधान बचाओ, नागरिकता बचाओ’ महारैली में कन्हैया कुमार ने आज एक तरफ भगत सिंह और अंबेडकर ( Bhagat Singh and Ambedkar ) को मानने वाले लोग हैं तो दूसरी ओर गोडसे ( Godse ) को मानने वाले लोग हैं। इन लोगों ने एक ऐसी टीम बना रखी है जो गोयबल्स को भी फेल कर रही है। इनकी आइटी टीम मोबाइल का इस्तेमाल कर कन्हैया और कामरान को लड़ा रही है।
तो क्या मनीष तिवारी नहीं मानतें हैं राहुल गांधी को बेस्ट प्रेसिडेंट कन्हैया कुमार ने लोगों से अपील करते हुए कहा कि हमें सिर्फ इसपर अडिग रहना है कि एनपीआर भी वापस होने तक हमें आंदोलन जारी रखना है। उन्होंने नया नारा देते हुए कहा कि बिहार मांगे रोजगार, नहीं चाहिए एनपीआर। जेएनयू के पूर्व छा़त्र संघ अध्यक्ष ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ( CM Nitish Kumar ) पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि एनपीआर को 2010 के प्रारूप में ही करवाने का प्रस्ताव पास करवाने से कुछ नहीं होगा। इसका गजट नोटिफिकेशन वापस नहीं हुआ है। इसलिए हमें किसी सरकार से कोई उम्मीद नहीं है।
कन्हैया ने कहा कि आज लोगों का बंटवारा कर सत्ता में बने रहने की नीति चल रही है। अंग्रेजों ने साजिश के तहत देश का बंटवारा किया। इस देश में जो मुसलमान रहे वे जिन्ना के साथ नहीं गए बल्कि गांधी के साथ रहे। आज बड़ी चालाकी से गांधी जिंदाबाद कहने वालों को देशद्रोही कहा जा रहा है। खुलेआम देश के भीतर लोगों के संवैधानिक अधिकार छीने जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि आज अंबेडकर की समानता और गांधी की महानता की जरूरत है। कपिल मिश्रा ( Kapil Mishra ) पर देशद्रोह का मुकदमा नहीं हुआ लेकिन कोई सच बोलेगा तो उसपर देशद्रोह ( Sedition ) का मुकदमा कर दिया जाएगा।
दिल्ली हिंसा: SIT ने शुरू की जांच, लोगों से मांगे सबूत गांधी मैदान की रैली उन्होंने दिल्ली हिंसा की चर्चा करते हुए कहा कि वहां राजनीतिक दल आग लगा रहे हैं। कन्हैया ने दिल्ली के हालात पर दुख जताया। इस मौके पर दिल्ली हिंसा के शिकार लोगों की आत्मा की शांति के लिए दो मिनट का मौन भी रखा गया। इससे पहले कन्हैया जन गण मन यात्रा पर बिहार के कई जिलों का दौरा और 50 से ज्यादा जनसभाओं को संबोधित कर चुके हैं। इस महारैली के साथ इस यात्रा का समापन हो गया।