सत्ता में आने के तीन महीने बाद हुए स्थानीय निकाय चुनावों में कांग्रेस को फिर से अपनी स्थिति को हासिल करने में सफलता मिली है। दो तिहाई से अधिक सीटों पर चुनाव परिणाम आ गए हैं और कांग्रेस पार्टी इन परिणामों में सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है। अभी तक के परिणामों के लिहाज से कांग्रेस ने भाजपा से 68 सीटें ज्यादा जीतकर अच्छी बढ़त बना ली है। स्थानीय निकाय चुनाव में भी कांग्रेस और जेडीएस एक दूसरे के खिलाफ लड़े हैं। यही वजह है कि निकाय चुनाव में कांग्रेस और भाजपा के बीच कांटे का मुकाबला है। कर्नाटक में स्थानीय निकाय चुनावों के लिए 31 अगस्त को वोट डाले गए थे।
कर्नाटक निकाय चुनाव के अभी तक के नतीजों से साफ है कि विधानसभा चुनाव के बाद अब एक बार फिर कांग्रेस, जेडीएस और बीजेपी के बीच मुकाबला है। निकाय चुनावों के लिए राज्य में 67.5 प्रतिशत मतदाताओं मे मतदान किया था। भाजपा सत्ता से बाहर होने के बाद भी बेहतर प्रदर्शन करने में कामयाब हुई है। हालांकि भाजपा विधानसभा चुनाव की तरह स्थानीय निकाय चुनाव में सबसे बड़ी पार्टी नहीं बन पाई, लेकिन कांग्रेस को कड़ी टक्कर देने में सफल हुई है। दोनों के बीच सीटों के लिहाज से बहुत बड़ा अंतर नहीं है।
अभी कर्नाटक निकाय चुनाव के वोटों की गिनती जारी है। अर्शीकेरे के छह और चननारायापटना के दो वार्ड पर जेडीएस को जीत मिली है। वहीं रनेबेन्नुरू वार्ड में 13 में से आठ सीटों पर कांग्रेस जीत गई है। कलबुर्गी के अलंदा म्यूनिसिपल काउंसिल में वोटों की गिनती जारी है। देवनगेरे जिले में चन्नागिरी की 23 सीटों में से 10 में बीजेपी आगे चल रही है। इसके बाद 8 सीटों पर कांग्रेस और 3 सीटों पर जेडीएस आगे चल रही है। यहां कुमारस्वामी की पार्टी जेडीएस अहम रोल निभा सकती है क्योंकि यहां कड़ी टक्कर है। बता दें कि कर्नाटक में 31 अगस्त को 102 शहरी निकाय सीटों के लिए वोटिंग हुई थी। चन्नागिरी में कड़ा मुकाबला देखने को मिल रहा है।