जी परमेश्वर हो सकते हैं उप मुख्यमंत्री
आपको बता दें कि सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक कांग्रेस ने जी परमेश्वर का नाम आगे बढ़ाया है। जी परमेश्वर कर्नाटक में कांग्रेस का दलित चेहरा माने जाते हैं और सबसे बड़ी बात कि वर्तमान में वे कर्नाटक प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष है जो कि 2015 से 2017 तक कर्नाटक के गृह मंत्री रहे हैं।
जी परमेश्वर का राजनीतिक कार्यकाल
आपको बता दें कि जी परमेश्वर का राजनीतिक कार्यकाल 1989 में शुरु हुआ था जब वे पहली बार एमएलए चुने गए थे। इस चुनाव में उन्होंने मधुगिरी विधानसभा क्षेत्र से जनता दल के सी राजवर्धन को पराजित कर जीत दर्ज की थी। इसके बाद उन्होंने कभी भी पीछे मुड़कर नहीं देखा। 1993 में वीरप्पा मोइली के मंत्रिमंडल में वे राज्यमंत्री- सेरीकल्चर (रेशम उत्पादन) बनाए गए। जबकि एक बार फिर से 1999 के विधानसभा चुनाव में मधुगिरी सीट से ही 55802 वोटों के रिकॉर्ड से जीत हासिल की। बता दें कि यह उस वर्ष की सबसे बड़ी चुनावी जीत थी। जी परमेश्वर ने 71895 और उनके प्रतिद्वंदी जनता दल सेक्युलर के गंगाहनुमैया ने 16093 मत हासिल किए। इसके बाद जी परमेश्वर 1999 से 2004 तक एसएम कृष्णा के मंत्रिमडल में उच्च शिक्षा, विज्ञान और तकनीक राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) रहे। 18 अगस्त 2001 को उन्हें मेडिकल एजुकेशन के राज्यमंत्री का प्रभार भी दे दिया गया। एसएम कृष्णा ने 27 जून 2002 को परमेश्वर को कैबिनेट मंत्री बना दिया। 13 दिसंबर 2003 को उन्हें सूचना और प्रचार मंत्रालय का जिम्मा दिया गया। वर्ष 2004 में एक बार फिर से जी परमेश्वर अपने परंपरागत सीट मधुगिरी से चुनाव लड़े और जेडीएस के केंचामरैया को हराकर जीत दर्ज की। इसके बाद 2008 में अपनी सीट बदल ली और कोरतागेरे से चुनाव लड़ा, जहां पर जीत दर्ज करते हुए सफलता की एक और कहानी लिखी। हालांकि 2013 में उन्हें इस सीट पर हार का सामना करना पड़ा। कांग्रेस ने उन्हें 2010 में कर्नाटक प्रदेश कांग्रेस कमेटी का अध्यक्ष बनाया। 2014 में विधान परिषद के लिए एमएलसी चुने गए। जबकि 2015 में वे गृह मंत्री नियुक्त किए गए। हालांकि जब 2017 में उन्हें पार्टी की प्रचार समिति का अध्यक्ष बनाया गया तब उन्होंने गृहमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया। वर्तमान में संपन्न हुए चुनाव में एक बार फिर से कोरतागेरे सीट से चुनाव लड़ी और जीत दर्ज की।