पहले आओ, पहले पाओ के तहत मिलेगा लाभ
गहलोत ने कहा, “तीर्थयात्रा करने के इच्छुक लोगों को मतदाता पहचान पत्र और क्षेत्र के विधायक से सिफारिश करानी होगी। इस योजना के लिए किसी आय मानदंड की जरूरत नहीं होगी, लेकिन पहले-आओ, पहले-पाओ के आधार पर आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों को वरीयता दी जाएगी।” आवेदन ऑनलाइन प्राप्त किए जाएंगे और तीर्थयात्रियों का चयन ड्रॉ के माध्यम से किया जाएगा। क्षेत्र के विधायक को प्रमाणित करना होगा कि इच्छित लाभार्थी दिल्ली का है। प्रत्येक तीर्थयात्री को एक लाख रुपये का बीमा कवर मिलेगा।
तीन दिन और दो रात की होगी यात्रा
यह तीर्थयात्रा तीन दिन और दो रात की होगी जिसमें तीर्थयात्रियों को इच्छानुसार एक तीर्थस्थल पर ले जाया जाएगा। इसमें दिल्ली-मथुरा-वृंदावन-आगरा-फतेहपुर सीकरी-दिल्ली, दिल्ली-हरिद्वार-ऋषिकेश-नीलकंठ-दिल्ली, दिल्ली-अजमेर-पुष्कर-दिल्ली, दिल्ली-अमृतसर-वाघा सीमा-आनंदपुर साहिब-दिल्ली और दिल्ली-वैष्णो देवी-जम्मू-दिल्ली शामिल हैं। हर साल करीब 77 हजार वरिष्ठ नागरिक इस सुविधा का लाभ ले सकेंगे। केंद्र सरकार, राज्य सरकार, स्थानीय प्रशासन और स्वायत्त निकाय के कर्मचारी इस योजना के लिए पात्र नहीं होंगे। दिल्ली कैबिनेट ने जनवरी में राजस्व विभाग की योजना को शुरू करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी थी लेकिन उप राज्यपाल कार्यालय ने आपत्ति जताते हुए इस पर रोक लगा दी थी।