वामपंथ के गढ़ केरल में सेंध लगाने के लिए भाजपा अपनी सियासी गणित को काफी बारीकी के साथ सुलझाने में जुटी है। इसके लिए भाजपा राज्य के बड़े और दिग्गज लोगों को पार्टी के साथ जोड़ने में जुटी है। अब इसी कड़ी में एक और दिग्गज व्यक्ति ने भाजपा का दामन थामा है।
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दरअसल, केरल हाईकोर्ट के पूर्व जज पी.एन. रवींद्रन ( P.N. Ravindran ) भाजपा में शामिल हो गए हैं। राजधानी कोच्चि में केंद्रीय मंत्री निर्मला सीतारमण ( Nirmala Sitharaman ) की मौजूदगी में पी.एन. रवींद्रन भाजपा में शामिल हुए। कोच्चि के त्रिपुनीथुरा में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सुरेंद्रन की विजय यात्रा के दौरान केंद्रीय मंत्री निर्मला सीतारमण ने रवींद्रन का पार्टी में स्वागत किया।
बता दें कि इससे पहले मैट्रो मेन के नाम से विख्यात ई. श्रीधरण ने भाजपा का दामन थामा है। इन दो बड़े दिग्गजों के भाजपा में शामिल होने के बाद से केरल की सियासत गरमा गई है। भाजपा इस बार केरल में अपने जनाधार को बढ़ाने के साथ ही सत्ता में काबिज होने का प्लान बना रही है।
भाजपा के साथ कई जजों का है जुड़ाव
बता दें कि कई राज्यों के हाईकोर्ट के पूर्व जज के साथ-साथ सुप्रीम कोर्ट के जज भी भाजपा के साथ जुड़े हुए हैं। पीएन रवींद्रन के अलावा केरल हाईकोर्ट के पूर्व जज वी चिताम्बरेश इस समारोह में शामिल नहीं हो सके, क्योंकि वे दिल्ली में हैं। अभी हाल ही में जस्टिस चिताम्बरेश उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाख को संबोधित करते हुए लिखे एक पत्र में लव जिहाद कानून का समर्थन किया था। वे अपने छात्र जीवन में विक्टोरिया कॉलेज, पलक्कड़ में भाजपा की छात्र इकाई अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) से जुड़े रहे हैं।
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उन्होंने कहा कि वे भाजपा के साथी रहे हैं और अब आधिकारिक तौर पर जुड़ गए हैं। मैं दिल्ली में रहने के कारण कोच्चि में होने वाले समारोह में शामिल नहीं हो सकता। बता दें कि दूसरी तरफ, सुप्रीम कोर्ट के जज ने पीएम मोदी की जमकर तारीफ की। सुप्रीम कोर्ट के जज एम.आर. शाह ने गुजरात उच्च न्यायालय के हीरक जयंती समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ करते हुए सबसे लोकप्रिय, प्रिय, जीवंत और दूरदर्शी नेता बताया।
6 अप्रैल को होगा मतदान
बता दें कि केरल में 6 अप्रैल को एक चरण में मतदान होगा। 140 सीटों वाली केरल में 15वीं विधानसभा के लिए कुल 2,67,88,268 मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे। विधानसभा चुनाव 2021 के लिए, केरल में मतदान केंद्रों की संख्या 21,498 से बढ़ाकर 40,771 कर दी गई है।
140 सीटों में से 14 सीटें अनुसूचित जाति और 2 सीटों अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित है। केरल विधानसभा चुनाव के परिणाम बाकी राज्यों के साथ ही 2 मई को घोषित किए जाएंगे।