आपको बता दें कि मंगलवार को केरल हाईकोर्ट से भी चांडी को फटकार लगी थी और कोर्ट ने उन्हें पद छोड़ने के लिए कहा था। इससे पहले रविवार को केरल की बीजेपी इकाई ने राज्यपाल पी सदाशिवम से परिवहन मंत्री थॉमस चांडी को अयोग्य घोषित करने का अनुरोध किया था। साथ ही राज्य मंत्रिमंडल में मंत्री के तौर पर कामकाज करने से रोकने का अनुरोध किया था। केरल हाईकोर्ट ने चांडी की रिट याचिका को खारिज करते हुए कहा था कि अच्छा होगा थॉमस चांडी खुद ही अपने पद से इस्तीफा दे दें।
आपको बता दें कि थॉमस चांडी के चलते राज्य सरकार को असहज स्थिति का सामना करना पड़ रहा था। चांडी अपने खिलाफ भूमि घोटाले मामले में जांच का आदेश खारिज करवाने के लिए हाई कोर्ट गए थे। उनकी इसी याचिका को हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया था। हाईकोर्ट ने कहा था कि वो खुद ही अपने पद से इस्तीफा देकर, एक आम आदमी की तरह इस केस को लड़ें।
चांडी के खिलाफ केरल में व्यापक पैमाने पर भू-संरक्षण कानून के दुरुपयोग का आरोप है। केरल के मुख्यमंत्री पिनरई विजयन ने कहा कि हम कोर्ट के फैसले का अध्ययन करने के बाद कार्रवाई करेंगे। थॉमस चांडी एनसीपी से विधायक हैं। एनसीपी राज्य की सत्तारूढ़ लेफ्ट डेमोके्रटिक फ्रंट में शामिल है।