जानकारी के मुताबिक कांग्रेस के नेताओं ने दिल्ली में मुलाकात के दौरान कुमारस्वामी के सामने कैबिनेट गठन को लेकर नया प्रस्ताव रख दिया है और उस पर नए सिरे से विचार करने को कहा है। हालांकि कांग्रेस 20-13 के फार्मूले पर पहले की तरह कायम है। प्रस्ताव में सबसे अहम दो डिप्टी बनाने की बात पेचीदा है। दोनों डिप्टी सीएम कांग्रेस से होने की बाते कही गई है। लेकिन जेडीएस इससे सहमत नहीं दिखती। चूंकि कांग्रेस के विधायकों की संख्या ज्यादा है, इसलिए उसे ज्यादा पद मिल सकते हैं। अगर सीएम और डिप्टी सीएम का एक पद जेडीएस को मिलता है, तो कांग्रेस स्पीकर का पद मांग सकती है। कांग्रेस स्पीकर पद पर दावे का संकेत पहले ही दे चुकी है। कांग्रेस के डिप्टी सीएम के रूप में दलित चेहरे जी परमेश्वर को लाने की बात है। इसके बावजूद कुमारस्वामी ने भरोसा जताया कि सभी चीजें आपसी सहमति से तय हो जाएंगी।
फिलहाल कांग्रेस पार्टी का फोकस पूरी तरह से कुमारस्वामी के शपथ ग्रहण पर है। पार्टी इस अवसर को विपक्षी एका के रूप में जनता के सामने पेश करना चाहती है। पार्टी के वरिष्ठ नेताओं का कहना है अगर अभी से सत्ता में हिस्सेदारी को लेकर खींचतान हुई तो जनता के बीच गलत संदेश जाएगा और कांग्रेस फिलहाल किसी भी तरह की फजीहत नहीं चाहती है। जानकारी के मुताबिक सरकार में हिस्सेदारी को लेकर एक खाका तय हो चुका है। गठबंधन की सरकार में कांग्रेस मजबूत स्थिति में दिखाई देगी। आपको बता दें कि सोमवार को दिल्ली में कुमारस्वामी से मुलाकात के अलावा राहुल गांधी ने सोमवार को वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद, अशोक गहलोत और प्रदेश प्रभारी केसी वेणुगोपाल से भी कर्नाटक के वर्तमान स्थितियों के बारे में बातचीत की।
चुनाव के बाद लिंगायत समुदाय ने अपनी तरफ से कांग्रेस नेतृत्व के समक्ष एक और डिप्टी सीएम की मांग कर दी है। बताया जा रहा है कि लिंगायत समुदाय की तरफ से एमबी पाटिल को दूसरा डिप्टी सीएम बनाने की मांग की गई है। हालांकि सूत्रों के मुताबिक फिलहाल इस पर अंतिम निर्णय लेना बाकी है। इसके साथ ही अब समाचार ये भी है कि कांग्रेस के खाते में 21 मंत्री हो जाएं।