नई दिल्ली। असहिष्णुता पर चर्चा के दौरान भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी ने कहा कि, “देश में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर कोई सवालिया निशान नहीं है और हैरत जताई कि कौन लोग ऐसा कह रहे हैं।” उन्होंने कहा, “मैं नहीं जानता कि कौन लोग हैं, जो कह रहे हैं कि भारत में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता नहीं है। यह स्वतंत्रता हमेशा रही है…ऐसा कोई सवाल आज नहीं उठता। अनेक लेखकों और कलाकारों ने कहा है कि मोदी सरकार के दौर में असहिष्णुता बढ़ी है। मोदी सरकार और बीजेपी ने इसे राजनीति से प्रेरित कहकर इसे खारिज किया है।”
पार्टी नेतृत्व से नाखुश बताए जा रहे आडवाणी ने अपने निवास पर राष्ट्रीय तिरंगा फहराने के बाद मीडिया से बातचीत में यह बातें कहीं। आडवाणी ने अमित शाह के दोबारा पार्टी अध्यक्ष के तौर चुने जाने पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया। गौरतलब है कि शाह के आडवानी से मिलने जाने की बात पर बीजेपी ने कहा था कि शाह उनका ‘आशीर्वाद’ लेने उनके पास गए थे।
उन्होंने कहा कि, “ब्रिटिश राज में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता कुचलने के प्रयास के खिलाफ लोगों ने संघर्ष किया उन्होंने कहा कि गणतंत्र दिवस पर लोगों में देशभक्ति की भावना स्वाभाविक है, लेकिन शिक्षा और खेल तथा अन्य तरीकों से इसे हमेशा जगाए रखने का प्रयास किया जाना चाहिए।”
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