लोकसभा चुनाव 2019ः पश्चिम बंगाल में 150 साल पुराना है खूनी खेल का चुनावी इतिहास
चुनाव आयोग पर लगाया पक्षपात का आरोप कांग्रेस नेता सुष्मिता देव ने शीर्ष अदालत को बताया है कि दोनों नेताओं के खिलाफ कार्रवाई न कर चुनाव आयोग ने भेदभाव का परिचय दिया है। उन्होंने अदालत से इस मामले में गाइडलाइन तय करने की भी मांग की है। बता दें कि मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पीठ ने पिछली सुनवाई के दौरान आचार संहिता उल्लंघन के मामले में चुनाव आयोग को निर्देश देते हुए कहा था कि वो 6 मई तक इसका निपटारा करें।
गैर भाजपा और गैर कांग्रेस सरकार को लेकर मिले दक्षिण के दो दिग्गज नेता, सियासी स… आयोग ने नहीं माना आचार संहिता का उल्लंघन दरअसल, 3 मई को चुनाव आयोग ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को नांदेड में और वाराणसी में उनके भाषण के लेकर उन्हें क्लिन चीट दी थी। इतना ही नहीं चुनाव आयोग ने एक अन्य शिकायतों पर सुनवाई करते हुए भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के पश्चिम बंगाल और नागपुर में दिए गए भाषणों को भी आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन मानने से इन्कार कर दिया था। चुनाव आयोग के अनुसार दोनों ही नेताओं ने भाषण के कॉपी मंगवाकर पढ़ने और गहन अध्ययन के बाद यह फैसला लिया गया है।
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