यही वजह है कि मोदी सरकार ने विपक्षी एकता को ध्यान में रखते हुए अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव और इस साल के अंत तक मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए कमर कसते हुए अपनी तैयारियों एवं संगठनात्मक स्थिति पर अपने शासन वाले राज्यों के मुख्यमंत्रियों एवं शीर्ष नेतृत्व के साथ मंथन किया। भाजपा ने मंथन के जरिए लोकसभा और विधानसभा चुनावों को लेकर रूपरेखा तैयार कर ली है। भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों की बैठक में मंगलवार को केंद्र और राज्य सरकार की योजनाओं के बारे में लोगों को जानकारी देने के तौर-तरीके पर चर्चा की गई। बैठक में तय किया गया कि केंद्र और राज्य सरकार की योजनाओं का प्रचार प्रसार ज्यादा से ज्यादा किया जाए ताकि लोगों तक लाभ पहुंचे। उन्हें इनके बारे में जानकारी मिले। इस दौरान संगठन और सरकार के कामकाज को लेकर भी चर्चा की गई। मुख्यमंत्रियों और उप मुख्यमंत्रियों को कहा गया कि केंद्र और राज्य सरकार की जितनी योजनाएं हैं, उसके लाभार्थियों से समय-समय पर संपर्क किया जाए। इसके लिए इन लाभार्थियों के नंबर और पते एकत्रित करने के सिलसिले में निर्देश दिए गए हैं।
मोदी सरकार ने मंथन में ये तय किया है कि केंद्र सरकार की जिन 12 प्रमुख योजनाओं से देश भर में 20 करोड़ से अधिक लोगों को लाभ मिला है उसका लाभ उठाकर सफलता को सुनिश्चित करने का काम किया जाए। इसके लिए पार्टी ने देश भर में फैले योजना के 20 करोड़ लाभार्थियों से सीधा संपर्क साधने का लक्ष्य तय किय है। इसके लिए केंद्र सरकार ने 12 सफल योजनाओं के बारे में विस्तृत जानकारी मुहैया कराने का निर्णय लिया है। इसके लिए बैठक में केंद्र सरकार की सभी योजनाओं का राज्यों के मुख्यमंत्रियों से फीडबैक और डेटा लिया गया। इसके साथ ही 2019 लोकसभा चुनाव के लिहाज से सरकार और संगठन को और मजबूत करने पर भी जोर दिया गया है।
पार्टी ने चुनावी राज्य मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ के अंदर खाली पड़े सभी राजनीतिक पदों को जल्द से जल्द भरने की योजना तैयार की है। इसके लिए संगठन और सरकार में जिम्मेदार लोगों को सभी सार्थक कदम उठाने को कहा है। मुख्यमंत्रियों को निर्देश दिए गए हैं कि ज्यादा से ज्यादा कार्यकर्ताओं को सरकार की योजनाओं से जोड़ा जाए। बैठक में 15 मुख्यमंत्रियों और सात उपमुख्यमंत्रियों ने शिरकत की है।