अजित पवार ने कहा कि ये वो नेता हैं जो विधानसभा चुनाव से पहले बीजेपी में ये सोचकर शामिल हुए थे कि बीजेपी सत्ता में आएगी और उनके विकास की योजनाओं को आगे बढ़ाने में मदद मिलेगी। लेकिन ऐसा हो नहीं सका।
यहां अपनी मर्जी से लोग हो रहे कोरोना वायरस से संक्रमित, बदले में मिल रहे हैं चार-चार लाख रुपए, जानिए क्या है पूरा मामला डिप्टी सीएम के मुताबिक अब ये सभी निराश नेता एनसीपी में शामिल होने वाले हैं। ताकि वे अपने क्षेत्र के लिए कोई योजना लागू कर सकें। यही वजह है कि सभी नेता एनसीपी में लौटने के लिए उत्सुक हैं।
हालांकि पवार ने किसी के नाम को लेकर कोई खुलासा नहीं किया। उन्होंने कहा कि वे इस बारे में ज्यादा कुछ नहीं कह सकते हैं क्योंकि ग्राम पंचायत चुनावों के लिए प्रदेश में चुनाव आचार संहिता प्रभावी है।
उन्होंने कहा- “कुछ नेता हैं जो अब हमारे साथ जुड़ना चाहते हैं, लेकिन चुनाव आचार संहिता समाप्त होने के बाद हम उन्हें स्वीकार करना शुरू कर देंगे। पुणे और पिंपरी-चिंचवड में, कुछ महत्वपूर्ण नेता जल्द ही हमारे साथ जुड़ेंगे।
पूर्व सीएम देवेंद्र फडणवीस और राज्य बीजेपी प्रमुख चंद्रकांत पाटिल पर तंज कसते हुए पवार ने कहा, “कुछ नेता कह रहे थे, मैं सत्ता में लौटूंगा और अब एक और कह रहा है कि वह कोल्हापुर लौट आएगा। एक (फड़नवीस) नहीं लौटा और दूसरा वापस जा रहा है। ”
उन्होंने कहा- एक साल के अंदर, पाटिल ने महसूस किया कि वह पुणे में काम नहीं कर सकते हैं और अब कोल्हापुर लौटना चाहते हैं। पवार ने पुणे नगर निगम के तहत 23 गांवों के हाल के विलय पर कहा कि इन क्षेत्रों में तेजी से शहरीकरण को देखते हुए निर्णय लिया गया था।
इन स्कूल में तय होता है बच्चों के अंडरवियर का रंग, जानिए और कौनसे अजीब नियम स्टूडेंट्स को करना पड़ते हैं फॉलो उन्होंने कहा कि, ग्राम पंचायतें इन शहरी क्षेत्रों की बढ़ती अपेक्षा को पूरा करने में सक्षम नहीं हैं। अल्प बजट के साथ, ग्राम पंचायतों को बुनियादी सुविधाएं प्रदान करना मुश्किल हो रहा था और इसलिए हमें उन्हें पीएमसी के साथ मिलाना पड़ा।
साथ ही उन्होंने कहा कि कुछ और गांव पीएमसी से जुड़ने के लिए उत्सुक हैं। जल्द ही इन गांवों को लेकर भी हम बड़ा निर्णय लेंगे।