इतना ही नहीं राज्यपाल ने एनसीपी को और वक्त देने से भी इनकार किया। उन्होंने कहा कि प्रदेश में सरकार बनाए जाने को लेकर पहले ही काफी वक्त दिया जा चुका है। ऐसे में और वक्त की गुंजाइश नहीं बची है।
कैबिनेट मीटिंग के फैसले के बाद राज्यपाल का कदम
महाराष्ट्र में गहराया संकट, पीएम मोदी के फैसले के बाद हो गया… आपको बता दें कुछ देर पहले ही पीएम मोदी ने इमरजेंसी कैबिनेट मीटिंग बुलाई थी और इस बैठक में फैसला लिया गया था कि महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लगा दिया जाए।
इस बीच राज्यपाल ने राष्ट्रपति शासन लगाए जाने को लेकर कानूनी सलाह ली और तुरंत राजभवन से प्रेस विज्ञप्ति जारी कर राष्ट्रपति शासन लगाए जाने की सिफारिश की। उधर..शिवसेना ने भी कड़ा रुख अख्तियार करते हुए इस राष्ट्रपति शासन लगाए जाने को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दे दी है। इसके लिए शिवसेना सुप्रीम कोर्ट भी पहुंच गई और कहा है कि प्रदेश में अभी राष्ट्रपति शासन लगाना सही नहीं है। शिवसेना ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर राज्यपाल पर सौतेले व्यवहार का आरोप भी लगाया है।
क्योंकि एनसीपी को मंगलवार रात 8.30 बजे तक का वक्त मिला है। ऐसे में बीच में ही राष्ट्रपति शासन लगाकर ठीक नहीं किया है। उधर..राज्यपाल ने ट्वीट के जरिये ये साफ कर दिया है प्रदेश में अब राष्ट्रपति शासन लगाने का वक्त आ गया है।