आपको बता दें कि दोनों पार्टी के बीच सरकार बनाने को लेकर ऐसा विवाद पहली बार नहीं है। इससे पहले 1999 में सरकार बनाने को लेकर शिवसेना और बीजेपी के बीच खींचतान देखने को मिल चुकी है।
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BREAKING NEWS: महाराष्ट्र में सरकार गठन को लेकर सुलझा पेच!….
BJP नेता नितिन गडकरी ने कांग्रेस के इस दिग्गज नेता से की मुलाकात…शिवसेना नहीं अब कांग्रेस के साथ बना सकती….! बात 1999 की है। जब महाराष्ट्र में सरकार गठन को लेकर शिवसेना और बीजेपी में सहमती नहीं बन पा रही थी। दो दशक से भी ज्यादा लंबे समय से एक दूसरे के साथ गठबंधन में रहीं दोनों पार्टियां अपने-अपने तरीके से सत्ता पाना चाहती थी। जिसका फायदा हुआ था नवगठित राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) और कांग्रेस को। दोनों ने साथ मिलकर सरकार का गठन कर लिया था। बता दें कि उस दौरान विधानसभा चुनाव में शिवसेना को 69 सीटे मिली थी और कांग्रेस को 56। दोनों दलों के बीच सत्ता को लेकर इतना खींचतान बढ़ गया था कि 23 दिन तक दोनों में बातचीत की कोशिशें चलती रही थीं।
इस बीच मौके का फायदा उठाते हुए शरद पवार ने कांग्रेस के साथ हाथ मिलाकर महाराष्ट्र में सरकार का गठन कर लिया था। उसम समय पवार ने कांग्रेस से अलग को कर एनसीपी बनाई थी। लेकिन सत्ता के लिए हाथ मिला लिया था।
उस दौरान बीजेपी गोपीनाथ मुंडे को मुख्यमंत्री बनाना चाहती थी। लेकिन बाजी मारते हुए कांग्रेस ने विलासराय देशमुख को मुख्यमंत्री बना दिया था। इसके बाद साल 2004 में एक बार फिर दोनों दलों ने साथ मिलकर चुनाव लड़ा था। उस दौरान शिवसेना को 62 और BJP को 54 सीटें मिली थीं।