मल्लिकार्जुन खड़गे ने संसद भवन परिसर में मीडिया से बात करते हुए कहा कि वित्त मंत्री अरुण जेटली ने आम बजट पर हुई चर्चा पर लोकसभा में दिए जवाब में यह कहकर सदन को गुमराह किया है, कि पूर्व रक्षा मंत्रियों प्रणव मुखर्जी और एंटनी ने रक्षा सौदों के बारे में संसद में जानकारी देने से मना कर दिया था। कांग्रेस नेता ने कहा कि पूर्व रक्षा मंत्री ए के एंटनी ने चार मार्च 2013 को मिराज सौदे की पूरी जानकरी संसद को दी थी।
निजी उद्यमी को ब्यौरा दिया लेकिन संसद को क्यों नहीं
खड़गे ने बताया कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने राफेल सौदे पर चर्चा के लिए नियम 352 के तहत नोटिस दिया है। पार्टी बजट सत्र के अगले चरण में इस पर चर्चा कराने की मांग करेगी। चर्चा में इस सौदे की सारी जानकारी सामने आ जाएगी। खड़गे ने कहा कि जब एक निजी उद्यमी को राफेल सौदे की पूरी जानकारी हो सकती है तो देश की एक सौ तीस करोड़ जनता का प्रतिनिधित्व करने वाली संसद को इसका ब्यौरा क्यों नहीं दिया जा सकता ।
उन्होंने कहा कि जहां तक राष्ट्रीय सुरक्षा का सवाल है तो कांग्रेस राफेल लड़ाकू विमान की मारक क्षमता या उसकी बनावट आदि की जानकारी नहीं मांग रही, बल्कि सरकार से सिर्फ यह पूछ रही है कि जब संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन सरकार के कार्यकाल में राफेल लड़ाकू विमान का सौदा 526 करोड़ में ही हुआ था तो मोदी सरकार ने उससे दोगुनी से भी ज्यादा कीमत पर यह सौदा क्यों किया। आखिर सरकार इनके दाम बताने में क्यों घबरा रही है।
कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने सवाल उठाया कि सरकार ने इन विमानों को बनाने का काम हिंदुस्तान एअरोनाटिक्स लिमिटेड के बजाए एक निजी कंपनी को क्यों दिया। जारी है राहुल गांधी का हमला
वहीं इससे पहले राहुल गांधी ने मंगलवार को एक ट्वीट किया था। राहुल ने सवालिया लहजे में कहा कि रक्षामंत्री निर्मला सीतारमण ने इस मसले पर अपना पैंतरा क्यों बदला और कहा कि वह विमान की कीमतों का खुलासा नहीं करेंगी। राहुल ने ट्वीट करके पूछा, “रक्षामंत्री नवंबर 2017 में दिए अपने बयान से क्यों मुकर गईं? उन्होंने ट्वीट में इसका जवाब देते हुए लिखा कि भ्रष्टाचार होने, मोदीजी को बचाने, मोदी के मित्रों को बचाने और इसमें सबको बचाने के लिए ऐसा किया जा रहा है।”