दौरा रद्द होने के बाद ममता बनर्जी ने ट्वीट कर कहा कि इस साल मार्च में विदेश मंत्री ने मुझसे सिफारिश की थी कि मैं चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के अंतरराष्ट्रीय विभाग के साथ भारत सरकार के आदान-प्रदान कार्यक्रम के तहत एक शिष्टमंडल के नेतृत्व पर विचार करूं। इस प्रस्ताव पर मैं सहमत हो गई। ‘मैंने विदेश मंत्री सुषमा स्वराज से कहा कि इससे हमारे देश का हित जुड़ा है और मैं जून 2018 के आखिरी हफ्ते में चीन की यात्रा करना चाहूंगी’ मुख्यमंत्री ममता ने कहा कि बीते कल तक सभी चीजें ठीक चल रही थीं। लेकिन दुर्भाग्यवश उचित स्तर पर राजनीतिक बैठकों की पुष्टि नहीं हो पाई। उन्होंने कहा कि चीन में हमारे राजदूत ने कार्यक्रम को सफल बनाने की बहुत कोशिश की लेकिन आखिरी वक्त पर चीन की ओर से उसकी पुष्टि नहीं हो पाई। इसने दुर्भाग्यवश हमें यात्रा रद्द करने के लिए मजबूर होना पड़ा। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा, ‘मैं आने वाले दिनों में भारत और चीन की दोस्ती में अहम भूमिका अदा करना चाहती हूं। यह दोनों देशों के हित में है। ‘यह कार्यक्रम पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव और भारत के चीन के राजदूत के बीच पत्राचार से एक कार्यक्रम तय हुआ था। बता दें, ममता बनर्जी का 22 जून से चीन का सात दिवसीय दौरा तय था। इस दौरे पर ममता के साथ पश्चिम बंगाल के वित्त मंत्री अमित मित्रा भी जाने वाले थे।