अधिकांश मौकों पर बहुत कम बोलने वाले पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने फरवरी 2017 में राज्यसभा में कहा था कि मुझे लगता है कि ये प्रबंधन की नाकामी है। ये संगठित लूट और देश की जनता की कमाई पर कानूनी डाका है। इससे पहले भी उन्होंने मोदी को निशाना बनाते हुए कहा था मोदी जी कहते रहे कि वो भारत की अर्थव्यवस्था बदल देंगे। लेकिन अब हमें पता चल रहा है कि ये अंत की शुरुआत है। उन्होंने कहा था कि आगे चलकर इससे भी बदतर हालात का देश के लोगों को सामना करना पड़ेगा। मनमोहन सिंह ने कहा था कि जब से मोदी पीएम बने हैं तब से राष्ट्रीय आय बढ़ने से जुड़ा उनका प्रोपेगंडा भी खोखला साबित हुआ है। नरेंद्र मोदी सरकार ने आठ नवंबर 2016 में जो नोटबंदी का फैसला लिया देश की अर्थव्यवस्था के लिए दुर्भाग्यपूर्ण साबित रहा है। और अब उन्होंने सरकार के इस निर्णयको भयंकर विनाश की कगारी पर ले जाने वाला निर्णय करार दिया है। उन्होंने नोटबंदी की दूसरी सालगिरह के अवसर पर कहा कि उसका असर अब दिखाई देने लगा है।
मनीष तिवारी ने कहा कि दो साल पहले आठ नवंबर को पीएम मोदी ने राष्ट्र को संबोधित करते हुए तकरीबन 16.99 लाख करोड़ रुपए मूल्य की मुद्रा को चलन से बाहर कर दिया। उस तुगलकी फरमान के लिए तीन कारण दिए गए थे कि इससे काले धन पर रोक लगेगी, जाली मुद्रा बाहर होगी और आतंकवाद को वित्तीय सहायता मिलनी बंद हो जाएगी लेकिन दो साल बाद इनमें से कोई लक्ष्य पूरा नहीं हो पाया। उन्होंने कहा कि आज भारतीय अर्थव्यवस्था में आठ नवंबर 2016 की तुलना में चलन में ज्यादा नकदी है। कांग्रेस शुक्रवार को भारतीय अर्थव्यस्था को बर्बाद तथा तहस-नहस करने के लिए प्रधानमंत्री को देश के लोगों से माफी की मांग करेगी।