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महबूबा मुफ्ती का विवादित बयान, 35A को छेड़ा तो लोग तिरंगे की जगह उठाएंगे कोई और झंडा

– आर्टिकल 35A को लेकर इसी हफ्ते सुनवाई होनी है।
– महबूबा मुफ्ती ने कहा है कि अगर 35A को छेड़ा तो 1947 से भी बुरे हालात पैदा होंगे।
– महबूबा मुफ्ती पहले भी धमकी भरे लहजे में इस तरह के बयान दे चुकी हैं।

Feb 25, 2019 / 09:56 pm

Kapil Tiwari

Mehbooba Mufti

Article 35A

श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले आर्टिकल 35A पर राज्य के नेताओं को खतरा मंडराता हुआ नजर आ रहा है। सुप्रीम कोर्ट आर्टिकल 35A को खत्म करने वाली याचिका पर 26-28 फरवरी के बीच में कभी भी सुनवाई कर सकती है। इस बीच राज्य की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने एक बहुत ही बड़ा और धमकी भरे लहजे में विवादित बयान दिया है।

1947 से भी बुरे होंगे हालात- महबूबा मुफ्ती

– महबूबा मुफ्ती ने चेतावनी देते हुए कहा है कि आर्टिकल 35A से छेड़छाड़ करना आग से खेलने के बराबर है, क्योंकी अगर इस अनुच्छेद के साथ खिलवाड़ किया गया तो आप उस माहौल का सामना करेंगे जिसे आपने 1947 के बाद से नहीं देखा होगा। महबूबा मुफ्ती ने कहा कि अगर किसी भी रूप में अनुच्छेद 35ए पर हमला होता है तो वो नहीं जानतीं कि घाटी में लोग तिरंगा झंडे की जगह कौन सा झंडा थामने के लिए बाध्य होंगे।

 

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उमर अब्दुल्ला ने भी केंद्र सरकार पर साधा निशाना

– महबूबा मुफ्ती से पहले नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने कहा, ‘केंद्र सरकार और गवर्नर की जिम्मेदारी प्रदेश में चुनाव करवाने भर की है। इसलिए चुनाव ही कराएं, लोगों को फैसला लेने दें। नई सरकार खुद ही आर्टिकल 35A को सुरक्षित बनाने की दिशा में काम करेगी।’ अब्दुल्ला ने कहा कि जम्मू कश्मीर में पांच साल के बाद चुनाव करवा पाना कश्मीर के हालात से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निबटने का परीक्षण होगा।

– अब्दुल्ला ने टि्वटर पर कहा, ‘क्या मोदी सरकार अलगावावादी ताकतों और आतंकियों के सामने घुटने टेकेगी जो जम्मू कश्मीर में हमेशा से ही चुनावों में बाधा और देरी पहुंचाते हैं या फिर चुनाव निर्धारित समय पर ही होंगे? यह समय प्रधानमंत्री मोदी के लिए बीते पांच वर्षों में कश्मीर को संभालने की परख का है।’

इसी हफ्ते 35A को लेकर सुप्रीम कोर्ट में होगी सुनवाई

– आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट इसी हफ्ते आर्टिकल 35A पर सुनवाई करेगा। सुप्रीम कोर्ट में अनुच्छेद 35ए की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाएं इस सप्ताह 26-28 फरवरी से सुनवाई के लिए सूचीबद्ध हैं। जम्मू और कश्मीर द्वारा प्राप्त विशेष अधिकारों और विशेषाधिकारों से संबंधित अनुच्छेद 35ए पर सुप्रीम कोर्ट में होने वाली सुनवाई को लेकर संस्पेस कायम था, लेकिन अब साफ हो गया है कि इस पर सुनवाई इसी हफ्ते होगी।

– सूत्रों के अनुसार मोदी सरकार आम चुनाव से पहले आर्टिकल 35 ए पर कड़ा स्टैंड अपना सकती है। आर्टिकल 370 को हटाना बीजेपी का हमेशा से राजनीतिक स्टैंड भी रहा है। हालांकि बीजेपी की सहयोगी जेडीयू और अकाली दल इसकी विरोधी रही हैं।

क्या है आर्टिकल 35A?

अनुच्छेद 35A जम्मू-कश्मीर की विधानसभा को राज्य के स्थायी नागरिक की परिभाषा तय करने का अधिकार देता है। राज्य में 14 मई 1954 को इसे लागू किया गया था। यह अनुच्छेद संविधान में मूल रूप में नहीं था। प्रदेश के स्थायी नागरिक को कुछ विशेष अधिकार होते हैं। गौरतलब है कि धारा 35 ए के तहत जम्मू-कश्मीर में वहां के मूल निवासियों के अलावा देश के किसी दूसरे हिस्से का नागरिक कोई संपत्ति नहीं खरीद सकता है। इससे वह वहां का नागरिक भी नहीं बन सकता है।

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