महबूबा मुफ्ती ने मांगे 10 करोड़
बता दें कि हाल ही में महबूबा मुफ्ती ने सत्यपाल मलिक का एक वीडियो साझा किया था, जिसमें वो कह रहे हैं कि नेशनल कांफ्रेंस के नेता फारूक अब्दुल्ला, उनके बेटे उमर अब्दुल्ला और पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती को रोशनी योजना के तहत जमीन के भूखंड मिले हैं। सत्यपाल मलिक का कहना है कि रोशनी अधिनियम को फारूक अब्दुल्ला सरकार द्वारा आरोपों के बदले राज्य की भूमि पर कब्जा करने वालों को मालिकाना अधिकार देने के उद्देश्य से लाया गया था।
बता दें कि हाल ही में महबूबा मुफ्ती ने सत्यपाल मलिक का एक वीडियो साझा किया था, जिसमें वो कह रहे हैं कि नेशनल कांफ्रेंस के नेता फारूक अब्दुल्ला, उनके बेटे उमर अब्दुल्ला और पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती को रोशनी योजना के तहत जमीन के भूखंड मिले हैं। सत्यपाल मलिक का कहना है कि रोशनी अधिनियम को फारूक अब्दुल्ला सरकार द्वारा आरोपों के बदले राज्य की भूमि पर कब्जा करने वालों को मालिकाना अधिकार देने के उद्देश्य से लाया गया था।
उन्होंने बताया कि इस तरह से आए पैसे का उपयोग राज्य में पनबिजली संयंत्र स्थापित करने के लिए किया जाना था। हालांकि, जम्मू और कश्मीर उच्च न्यायालय द्वारा इसे अवैध घोषित करने के बाद योजना को भंग कर दिया गया था और सीबीआई को योजना के लाभार्थियों की जांच करने का निर्देश दिया था।
इसके साथ ही हाल ही में मेघालय के राज्यपाल ने एक कार्यक्रम में दौरान कहा कि उन्होंने कश्मीर का राज्यपाल रहते हुए अंबानी और आरएसएस के एक पदाधिकारी के इन्वालवमेंट वाली दो डील निरस्त की थी। इस डील के एवज में मुझे 150-150 करोड़ रुपए का ऑफर दिया गया था। इसके साथ ही महबूबा मुफ्ती की भी एक फाइल मेरे पास आई थी, हालांकि मुझे सरकारी सचिवों ने बताया कि दोनों फाइलों में घपला है तो मैंने डील निरस्त कर दी थी।
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