पूर्वोत्तर में कांग्रेस की सत्ता वाले इकलौत राज्य मिजोरम में नई विधानसभा के लिए बुधवार को मतदान होगा।
जानिए मिजोरम विधानसभा चुनाव 2018 से जुड़ी हर जानकारी
आइजोल। पूर्वोत्तर में कांग्रेस की सत्ता वाले इकलौत राज्य मिजोरम में नई विधानसभा के लिए बुधवार को मतदान होगा। यहां पूर्व मुख्यमंत्री जोरामथांगा की अगुवाई वाले मिजो नेशनल फ्रंट की चुनौती के बीच कांग्रेस लगातार तीसरी बार सरकार बनाने के लिए जोर आजमाइश कर रही है। मिजोरम के अलावा पंजाब, केंद्रशासित पुड्डुचेरी और कर्नाटक में (जनता दल-एस के साथ) कांग्रेस सत्ता में है।
पूर्वोत्तर में कांग्रेस का आखिरी गढ़ः जानिए मिजोरम विधानसभा चुनाव 2018 से जुड़ी हर जानकारी मिजोरम में चुनाव अभियान के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने एक-दूसरे पर तीखे हमले किए हैं। यहां मुकाबला मुख्य रूप से कांग्रेस और मिजो नेशनल फ्रंट के बीच है। हालांकि भाजपा भी यहां अपनी उपस्थिति दर्ज कराना चाह रही है। केंद्र में वर्ष 2014 में मोदी सरकार के आने के बाद से भाजपा ने पूर्वोत्तर क्षेत्र में अपने पांव पसारना शुरू किया है और इस ईसाई बहुल इलाके में भाजपा के प्रदर्शन को काफी उत्सुकता के साथ देखा जाएगा।
40 सदस्यीय मिजोरम विधानसभा सीट के लिए होने वाले चुनाव में मुख्यमंत्री लाल थानहावला हैट्रिक लगाना चाह रहे हैं। उन्होंने दावा किया है कि उनकी सरकार के खिलाफ कोई सत्ता विरोधी लहर नहीं है। मिजोरम में कुल 209 उम्मीदवार चुनावी मैदान में हैं।
मुख्यमंत्री दो सीटों सेरछीप और छंपाई दक्षिण से चुनाव लड़ रहे हैं। कांग्रेस यहां 1987 में राज्य को पूर्ण दर्जा मिलने के बाद से 1998 से 2008 के बीच के वर्षों को छोड़कर सत्ता में रही है। करीब 7.7 लाख मतदाता 209 उम्मीदवारों के भाग्य का फैसला करेंगे। यहां अन्य चार राज्यों मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान और तेलंगाना के साथ मतों की गिनती 11 दिसंबर को होगी।
मिजोरम का राजनीतिक इतिहास एक पर्वतीय प्रदेश मिजोरम शुरुआत में असम का हिस्सा था। 1972 में यह केंद्र शासित बना। 1986 में भारत सरकार औऱ मिजो नेशनल फ्रंट के बीच हुए ऐतिहासिक समझौते के चलते 20 फरवरी 1987 को इसे पूर्ण राज्य का दर्जा दिया गया। तब मिजोरम देश का 23वां राज्य बना और इसी साल यहां के पहले चुनाव संपन्न हुए।
40 विधानसभा सीटों वाले इस राज्य में एकसदनीय राज्य विधायिका है। हालांकि 1998 और 2003 का चुनाव मिजो नेशनल फ्रंट ने जीता, लेकिन कांग्रेस 2008 से कांग्रेस यहां पर सत्ता में है और तब से ही मुख्यमंत्री लल थनहवला हैं, जिन्होंने 2008 और 2013 दोनों ही चुनाव जीते। कांग्रेसी नेता 79 वर्षीय लल थनहवला पांच बार राज्य के मुख्यमंत्री रहे हैं। 2014 में कांग्रेस ने यहां की इकलौती लोकसभा सीट भी जीती थी।