अकबर ने आगे कहा कि डोक्कलम संकट को लेकर सरकार की राष्ट्रीय हितों को लेकर गंभीर प्रतिक्रिया ने दुनिया को यह दिखा दिया है कि हम 1960 के दशक वाले भारत में नहीं रहते हैं। इस मुद्दे पर मोदी सरकार की बात को पूरी दुनिया ने गंभीरता से लिया और उसका समर्थन किया। इससे भारत की स्थिति दुनिया भर में मजबूत हुई। आज हम देख सकते हैं, उसके बाद चीन के साथ हमारा रिश्ता आगे बढ़ा है। भारत के रवैये से चीन के लिए भी चौकाने वाला रहा। उसे भारत की ओर से डोकलाम पर इस तरह की प्रतिक्रिया की उम्मीद नहीं थी। भारत सरकार के सख्त रवैये का ही नतीजा है कि चीन ने उसके बाद से हमें गंभीरता से लेना शुरू कर दिया है।
बर्लिन के बाद लंदन पहुंचे राहुल गांधी ने एक बार फिर से पीएम मोदी पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि डोकलाम में अब भी चीन की सेना मौजूद है। पीएम मोदी चाहते तो इस घटना को रोक सकते थे। अगर वह सावधानी से इस पर नजर रखते। उन्होंने कहा कि डोकलाम कोई अलग मुद्दा नहीं है। यह लगातार होने वाली घटना का हिस्सा थी। पीएम मोदी को लगता है कि डोकलाम कोई इवेंट है। अगर वह सावधानी से नजर रखते थे तो उसे रोक सकते थे। राहुल गांधी ने यह बात लंदन के इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ स्ट्रेटिक स्टडीज में कही है। उन्होंने मोदी सरकार पर आंकड़ों की बाजीगरी का आरोप लगाते हुये कहा कि जो शब्द इस्तेमाल किए गए है वह काफी दिलचस्प हैं। पीएम ने कहा कि चीन ने सेना का हटा ली है जबकि सच्चाई यह है कि चीन की सेना अभी तक वहां मौजूद है।