…तो कभी भी नहीं हो पाएगा बदलाव सरकार इस बिल को संविधान की नौवीं अनुसूची के दायरे में लाने की तैयारी में है। ऐसा होते ही इस अधिनियम को अनुच्छेद 31-बी के तहत सुरक्षा मिल जाएगी। सरकारी सूत्रों के हवाले से मिली जानकारी के मुताबिक अध्यादेश लाना सुप्रीम कोर्ट के फैसले को पलटने की एक अंतरिम व्यवस्था है। मॉनसून सत्र में सरकार विधेयक पेश कर सकती है। अगर ऐसा हुआ तो एससी-एसटी एक्ट के प्रावधानों में भविष्य में कोई भी फेरबदल नहीं हो पाएगा। कानून मंत्रालय से जुड़े एक आधिकारिक सूत्र के मुताबिक अध्यादेश जारी होते ही सुप्रीम कोर्ट का आदेश पलट जाएगा।
मार्च में सुप्रीम कोर्ट ने की थी सुधार की कोशिश गौरतलब है कि मार्च में सुप्रीम कोर्ट ने कानून के दुरुपयोग को देखते हुए अधिनियम में सुधार किया था। सुप्रीम कोर्ट ने इस अधिनियम के तहत तत्काल गिरफ्तारी के बजाए पहले जांच करने की बात कही थी, इसके साथ ही इसमें जमानत का प्रावधान भी जोड़ा गया था। लेकिन इसके बाद देशभर में दलित संगठनों ने आंदोलन किया था। इस दौरान भयंकर आगजनी की गई और सार्वजनिक संपत्ति को जमकर नुकसान पहुंचाया गया था।